नई दिल्ली। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल को फिर से तगड़ा झटका लगा है।बता दें , सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार(19 जनवरी ) को गूगल पर कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के जुर्माने के फैसले को सही बताया है। मिली जानकारी के मुताबिक , कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के गूगल द्वारा 10 फीसदी […]
नई दिल्ली। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल को फिर से तगड़ा झटका लगा है।बता दें , सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार(19 जनवरी ) को गूगल पर कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के जुर्माने के फैसले को सही बताया है। मिली जानकारी के मुताबिक , कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के गूगल द्वारा 10 फीसदी जुर्माना जमा करने के अंतरिम आदेश में हस्तक्षेप करने से बिल्कुल इंकार कर दिया है। कोर्ट ने गूगल की याचिका को ट्रिब्यूनल को वापस भेज दिया है और इसके साथ ही कोर्ट ने 31 मार्च 2023 तक इस मामले का फैसला करने को कहा है।
सीसीआई ने पिछले साल अक्टूबर 2022 में गूगल पर प्रतिस्पर्धा को चोट पहुंचाने के आरोप लगाया था और उस पर करीब 2,200 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक , इसमें से 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना 97 प्रतिशत मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाली एंड्रॉयड सिस्टम में दुरुपयोग करने के लिए लगाया था। तो वहीं, 936 करोड़ रुपये का जुर्माना प्ले स्टोर से जुड़ी नीतियों को लेकर है।
10 फीसदी जुर्माने करना होगा जमा
बता दें , सुप्रीम कोर्ट ने गूगल की 1,337 करोड़ रुपये के जुर्माने के खिलाफ दायर याचिका पर गुरुवार (19 जनवरी )को सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के आदेश का पालन करने के लिए गूगल इंडिया को एक सप्ताह यानि सिर्फ 7 दिन का ही समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने अमेरिकी फर्म गूगल को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा लगाए गए इस जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा करने के लिए 7 दिन का समय दिया है ।
तो वही गूगल ने भी अपनी याचिका में बताया कि CCI का आदेश 19 जनवरी, 2023 से प्रभावी होगा और उसने इसके 1 महीने पहले एनसीएलएटी में अपील कर दी थी। उन्होंने आगे कहा कि अपील के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए उसे दंडित न किया जाए। बता दें , इससे पहले गूगल ने सीसीआई के आदेश के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में अपील की थी। हालंकि वहां से भी कोई राहत नहीं मिली है। उसके बाद ट्रिब्यूनल ने 4 जनवरी को CCI के आदेश पर स्थगन देने से इनकार कर दिया था। ट्रिब्यूनल ने बताया कि यह अपील आदेश आने के 2 महीने बाद 20 दिसंबर को की गई थी।
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