नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या हर महीने की पन्द्रहवीं तिथि को मनाई जाती है. अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है। माघ मास में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। चूंकि इस बार मौनी अमावस्या शनिवार के दिन है इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। आपको […]
नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या हर महीने की पन्द्रहवीं तिथि को मनाई जाती है. अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है। माघ मास में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। चूंकि इस बार मौनी अमावस्या शनिवार के दिन है इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। आपको बता दें, इस बार माघी अमावस्या 21 जनवरी 2023 शनिवार को पड़ रही है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन स्नान के दान का अपना खास महत्व होता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है, जिसका महत्व दोगुना हो जाता है। जानिए इस दिन शनिश्चरी अमावस्या पर शनि की कृपा पाने और भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं। इन उपायों को करने से आपकी तमाम परेशानियां दूर होंगी।
धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। ऐसे में अगर आप नदी में स्नान कर सकते हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना मददगार होता है। मौनी अमावस्या शनिवार के दिन होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में कोई दोष है उन्हें इस दिन विशेष रूप से शनि से संबंधित उपाय करने चाहिए।
3. जरूरतमंदों को खाना खिलाएं
शनैश्चरी अमावस्या के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र या अनाज आदि का दान करें। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं और व्यक्ति का जीवन सुखमय हो जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पूजा के साथ व्रत भी रखा जाता है। इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के विशेष लाभ बताए गए हैं। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को अपने कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत, श्राद्ध कर्म और मौन रहकर दान करने से दुख, दरिद्रता, कालसर्प, पितृदोष आदि दूर होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)