हीरा कारोबारी की 8 वर्षीय बेटी बनी साध्वी, 35 हज़ार लोगों के सामने ली दीक्षा

सूरत : एक ओर जहां देश का युवा आज पश्चिमी सभ्यता में डूबा हुआ है दूसरी ओर ऐसे भी बच्चे मौजूद हैं जो बचपन से ही संयम और आध्यात्म की तरफ मुड़ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत से सामने आया है. जहां करोड़पति हीरा कारोबारी की बेटी ने सांसारिक जीवन का […]

Advertisement
हीरा कारोबारी की 8 वर्षीय बेटी बनी साध्वी, 35 हज़ार लोगों के सामने ली दीक्षा

Riya Kumari

  • January 18, 2023 9:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

सूरत : एक ओर जहां देश का युवा आज पश्चिमी सभ्यता में डूबा हुआ है दूसरी ओर ऐसे भी बच्चे मौजूद हैं जो बचपन से ही संयम और आध्यात्म की तरफ मुड़ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत से सामने आया है. जहां करोड़पति हीरा कारोबारी की बेटी ने सांसारिक जीवन का त्याग कर संन्यास ले लिया है. हैरानी की बात ये है कि इस हीरा कारोबारी की बेटी की उम्र महज 8 साल है जो अब साध्वी बन गई है.

आठ साल की उम्र में बनी साध्वी

यह सुनकर यकीनन आप भी हैरान हो गए होंगे. सूरत के बड़े हीरा कारोबारी धनेश संघवी की बेटी है जिसका नाम देवांशी है. आज देवांशी संघवी दीक्षा लेकर साध्वी दिगंतप्रज्ञाश्री बन गई हैं. आज देवांशी ने किर्तीयश सूरी जी महाराज के सानिध्य में अपनी गुरु साध्वी प्रिस्मीता श्रीजी से दीक्षा ली है. दीक्षा लेने के बाद देवांशी का नाम साध्वी श्री दिंगत प्रज्ञा श्रीजी हो गया है. उन्हें ये नाम साध्वी प्रिसमीता श्रीजी ने दिया है. बता दें, देवांशी की माता अमी संघवी भी धार्मिक प्रवृति की हैं और उसी हिसाब से उन्होंने अपनी बड़ी बेटी देवांशी को भी धार्मिक संस्कार दिए हैं.

 

35 हजार लोग बने साक्षी

सूरत के वेसु इलाके में इस दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया. करीबन 35 हजार सामाजिक लोग इस दौरान साक्षी बने जिनकी मौजूदगी में दीक्षा की विधि पूरी की गई. इससे पहले 8 वर्षीय देवांशी की शोभा यात्रा भी निकली गई थी. इस यात्रा में हाथी-घोड़ा और बैंड बाजे के साथ भारी संख्या में लोग शामिल हुए थे.

600 किमी की पदयात्रा कर चुकी हैं देवांशी

देवांशी अपने गुरु के साथ संयम मार्ग चुनने से पहले करीबन 600 किमी की पदयात्रा भी कर चुकी हैं. गौरतलब है कि हीरा कारोबारी धनेश संघवी की दो बेटियां हैं, जिसमें चार साल की काव्या और आठ साल की देवांशी है. शुरू से ही देवांशी का धर्म-कर्म में रुझान रहा है और अब वह दीक्षा लेने के बाद साध्वी दिगंतप्रज्ञाश्री बनकर इस मोहमाया को अलविदा कह चुकी हैं.

सूरत और मुंबई में बड़ा है कारोबार

हैरानी की बात ये है कि देवांशी के पिता देश भर में अपनी संपत्ति और कारोबार के लिए जाने जाते हैं. उनके पिता धनेश सांघवी राजस्थान के सिरोही जिले के मालगांव में निवासी हैं. पिता मोहन भाई संघवी के साथ धनेश भाई सूरत और मुंबई में संघवी एंड संस के नाम से डायमंड का व्यापार करते हैं. धनेश की गिनती सूरत के बड़े हीरा कारोबारियों में भी की जाती है.

Russia-Ukraine War: पीएम मोदी ने पुतिन को ऐसा क्या कह दिया कि गदगद हो गया अमेरिका

Raju Srivastava: अपने पीछे इतने करोड़ की संपत्ति छोड़ गए कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्त

Advertisement