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Delhi Mayor Election : तारीखों के संबंध में LG को मनीष सिसोदिया का प्रस्ताव

नई दिल्ली : दिल्ली मेयर चुनाव अभी भी बाकी है. सभी पार्षदों ने भले ही अपनी सीट ले ली हो लेकिन दिल्ली का मेयर अब तक नहीं चुना गया है. इसी कड़ी में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अब दिल्ली के उपराज्यपाल के पास एक प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव में दिल्ली मेयर इलेक्शन […]

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Delhi Mayor Election : तारीखों के संबंध में LG को मनीष सिसोदिया का प्रस्ताव
  • January 12, 2023 7:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : दिल्ली मेयर चुनाव अभी भी बाकी है. सभी पार्षदों ने भले ही अपनी सीट ले ली हो लेकिन दिल्ली का मेयर अब तक नहीं चुना गया है. इसी कड़ी में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अब दिल्ली के उपराज्यपाल के पास एक प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव में दिल्ली मेयर इलेक्शन के लिए चार अलग-अलग तारीखों को रखा गया है.

दिए चार तारीखों के विकल्प

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के प्रस्ताव के अनुसार मेयर चुनाव के लिए ये तारीखें 18, 20, 21 और 24 जनवरी हैं. दरअसल दिल्ली नगर निगम ने मेयर चुनाव कराने का प्रस्ताव निर्वाचित सरकार के पास भेजा था. इस प्रस्ताव में 30 जनवरी की तारीख दी गई थी. हालांकि दिल्ली सरकार इसमें और जल्दबाज़ी चाहती है. दिल्ली सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अनुरोध करते हुए कहा था कि एमसीडी पिछले आठ महीनों से बिना मेयर के काम कर रही है इसलिए और देर करना ठीक नहीं।

इसलिए टला मेयर चुनाव

गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में 7 जनवरी को ही दिल्ली मेयर चुनाव होना था. हालांकि इस दौरान भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच तीखी झड़प हो गई थी. इस पूरे हंगामे के बाद दिल्ली मेयर चुनाव को स्थगित करना पड़ा था. व्‍यवधान के चलते कार्यवाही में लगातार मेयर का चुनाव नहीं हो सका. बता दें, दिल्ली मेयर चुनाव में 250 चुने हुए पार्षदों को वोट करना है. इसके अलावा 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद और मनोनीत लोगों में 14 विधायक भी होंगे. ये विधायक दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष की सहमति पर बनाए गए हैं.

बहुमत का गणित

मेयर और डिप्टी मेयर का पद अपने नाम करने के लिए दिल्ली एमसीडी में भाजपा के पास बहुमत का जादुई आंकड़ा नहीं है. कुल 250 वार्डों में भाजपा के पास केवल 104 सीटें ही हैं. वहीं इस समय बीजेपी की चिरप्रतिद्वंदी पार्टी आम आदमी पार्टी के पास 134 का आंकड़ा है. वहीं कांग्रेस की बात करें तो उसके पास केवल 9 सीटों का आंकड़ा ही है. ऐसे में भाजपा अपने उम्मीदवार को कैसे जिता पाएगी. ये देखने वाली बात है.

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