Bharat Jodo Yatra : हरियाणा फिर पंजाब… क्या किसान पॉलिटिक्स को साधने में Rahul लगा रहे दम?

नई दिल्ली : राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा इस समय अपने अंतिम चरण पर है. इस यात्रा में राहुल गाँधी आज (10 जनवरी) पंजाब पहुंचे हैं. इससे पहले वह हरियाणा और पश्चिमी यूपी से भी गुज़रे थे. इस दौरान ये देखा गया है कि उनकी यात्रा जहां से भी गुज़री वहाँ किसानों का अधिक […]

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Bharat Jodo Yatra : हरियाणा फिर पंजाब… क्या किसान पॉलिटिक्स को साधने में Rahul लगा रहे दम?

Riya Kumari

  • January 10, 2023 4:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा इस समय अपने अंतिम चरण पर है. इस यात्रा में राहुल गाँधी आज (10 जनवरी) पंजाब पहुंचे हैं. इससे पहले वह हरियाणा और पश्चिमी यूपी से भी गुज़रे थे. इस दौरान ये देखा गया है कि उनकी यात्रा जहां से भी गुज़री वहाँ किसानों का अधिक प्रभाव रहा. इन इलाकों को किसानों का गढ़ भी कहा जाता है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ना कहीं राहुल गाँधी अपनी इस यात्रा से किसान बेल्ट में सियासी जमीन को उर्वरा बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. एक सवाल ये भी है कि आखिर राहुल गाँधी किसानी पॉलिटिक्स को साधने में कितने कामयाब होते हैं.

 

किसान क्षेत्रों में राहुल का फोकस

भारत जोड़ो यात्रा यूपी में उस गढ़ से ही गुजरी थी जहां किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी. इस दौरान उनकी यह यात्रा पश्चिमी यूपी में कुल ढाई दिन रही जहां यात्रा ने कुल तीन जिले गाजियाबाद, बागपत और शामली में कदम रखा. दूसरी ओर राहुल गाँधी जब हरियाणा पहुंचे तो उनका ये रुट मैप बड़े ही रणनीतिक तरीके से तैयार किया गया था. जिसमें उनका गोकस किसानों के गढ़ पर रहा. इस दौरान उन्होंने किसान नेता और किसान आंदोलन के प्रमुख राकेश टिकैत से भी मुलाकात की थी.

पंजाब में क्या है मायनें?

इसके अलावा अलग-अलग संगठनों से जुड़े हुए दर्जन भर किसानों ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. इतना ही नहीं सभी किसान नेताओं ने राहुल गाँधी के साथ पदयात्रा भी की. इसके भी अपने अलग मायने निकाले जा रहे हैं. जहां विभिन्न मुद्दों पर किसान नेताओं ने राहुल गांधी के साथ चर्चा की. अब उनकी यात्रा पंजाब पहुँच गई है.गौरतलब है कि पंजाब ही वह भूमि है जहां कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन की चिंगारी उठी थी. यहीँ से किसानों ने दिल्ली के बार्डर पर जाकर एक साल तक डेरा दिया था. एक साल के बाद किसानों की मांगों को पूरा करते हुए मान लिया गया था. ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा यहाँ पंजाब के किसानों को सियासी संदेश देने के साथ-साथ कांग्रेस की चुनावी रणनीति का हिस्सा होगी.

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