नई दिल्ली। उत्तराखंड के जोशीमठ के भू-धंसाव मामले पर आज प्रधानमंत्री कार्यालय में उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में पीएम के प्रमुख सचिव ने समीक्षा की। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने पीएमओ को मामले से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके […]
नई दिल्ली। उत्तराखंड के जोशीमठ के भू-धंसाव मामले पर आज प्रधानमंत्री कार्यालय में उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में पीएम के प्रमुख सचिव ने समीक्षा की। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने पीएमओ को मामले से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार की एजेंसिया इस संकट से निपटने की दीर्घकालिक योजना बनाने में उत्तराखंड सरकार की मदद कर रही हैं।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर लिखा है कि प्रधानमंत्री ने दूरभाष के माध्यम से वार्ता कर जोशीमठ की स्थिति की पूरी जानकारी मांगी है। पीएम ने प्रभावित नजरवासियों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों और समस्या के समाधान हेतु तात्कालिक और दीर्घकालिक कार्य योजना के बारे में जानकारी ली है। धामी ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से जोशीमठ की स्थिति एवं क्षेत्र में सरकार द्वारा चलाए जा रहे सुरक्षात्मक कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि जोशीमठ समेत दूसरे इलाकों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे में इंडियन आर्मी को अलर्ट मोड पर रखा गया है। गढ़वाल के कमिश्नर सुशील कुमार सिंह ने बताया है कि प्रशासन लगातार सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में है।
जोशीमठ में पैदा संकट को लेकर प्रशासन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से मदद मांगी गई है। इसरो जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीर लेगा। इसके साथ ही पिछले चार महीनों की तस्वीरों के जरिए ये समझा जाएगा कि आखिर ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं? बताया जा रहा है कि दो-तीन दिनों में इसरो की ओर से ये तस्वीरें सामने आ सकती हैं।
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