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UP Body Election : 3 महीने बाद होगा निकाय चुनाव, जानिए SC के फैसले के मायने

लखनऊ : 5 दिसंबर को यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश में होने जा रहे निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी आरक्षण की सूची जारी की थी. इसके बाद राज्य सरकार की इस सूची के खिलाफ कई याचिकाकर्ता इलाहबाद हाई कोर्ट पहुंचे. याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इलाहबाद कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि योगी सरकार ने […]

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  • January 4, 2023 8:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ : 5 दिसंबर को यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश में होने जा रहे निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी आरक्षण की सूची जारी की थी. इसके बाद राज्य सरकार की इस सूची के खिलाफ कई याचिकाकर्ता इलाहबाद हाई कोर्ट पहुंचे. याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इलाहबाद कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि योगी सरकार ने ओबीसी आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के तय मानकों के आधार पर नहीं करवाया था.

SC का फैसला

इस फैसले से असंतुष्ट होकर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इसी को लेकर आज (4 जनवरी) सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. इससे उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है. इस फैसले के बाद यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि उन्हें ओबीसी आरक्षण की रिपोर्ट देने में तीन महीनों का समय लगेगा. इस में यह तो तय है कि उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव तीन महीनों बाद ही करवाए जाएंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का यूपी सरकार पर कितना असर पड़ेगा. आइए जानते हैं इस रिपोर्ट से.

नियुक्ति पर भी लगाई थी रोक

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के फैसले पर यूपी सरकार को दोहरा झटका दिया था. कोर्ट ने प्रशासक की नियुक्ति भी रद्द कर दी थी. इसके स्थान पर तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का आदेश दिया गया था जिसमें डीएम, नगर आयुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सदस्य होंगे.

सरकार को बड़ी राहत

हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के पालन के लिए ओबीसी कमीशन का गठन कर दिया था. आज यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि ओबीसी आयोग को ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट देने में तीन महीने का वक्त लगेगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को बताया कि तीन महीने का समय काफी ज़्यादा है. इसपर राज्य सरकार की ओर से कमीशन के अध्यक्ष नियुक्त किए गए जज साहब से पूछकर समय की पुष्टि करने की बात कही गई है. ऐसे में लगता है कि 31 मार्च से पहले निकाय चुनाव करवाना संभव नहीं है.

दो मामलों में राहत

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रशासक की नियुक्ति करने को भी हरी झंडी दिखा दी है. SC ने बताया कि जहाँ पर भी कार्यकाल खत्म हो रहा है वहाँ प्रशासक की नियुक्ति की जा सकती है. हालांकि इनके पास अहम फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा. कुल मिलाकर यूपी सरकार को दो मामलों में बड़ी राहत मिली है.

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