Advertisement
  • होम
  • राज्य
  • सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अनशन करने वाले जैन मुनि सुज्ञेयसागर ने त्यागे प्राण

सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अनशन करने वाले जैन मुनि सुज्ञेयसागर ने त्यागे प्राण

रांची : झारखंड के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ पहले से ही विरोध किया जा रहा था. इसके खिलाफ जैन मुनि सुज्ञेयसागर अनशन पर बैठे थे. अब उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए हैं. सांगानेर (जयपुर) स्थित जैन मंदिर में मुनि सुज्ञयसागर ने मंगलवार की दोपहर अंतिम सांस ली. श्रमण संस्कृति संस्थान […]

Advertisement
  • January 3, 2023 4:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

रांची : झारखंड के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ पहले से ही विरोध किया जा रहा था. इसके खिलाफ जैन मुनि सुज्ञेयसागर अनशन पर बैठे थे. अब उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए हैं. सांगानेर (जयपुर) स्थित जैन मंदिर में मुनि सुज्ञयसागर ने मंगलवार की दोपहर अंतिम सांस ली. श्रमण संस्कृति संस्थान में उन्हें समाधि दी गई है.

25 दिनों तक त्यागा अन्न

खबरों की मानें तो सांगानेर में विराजितसुज्ञेयसागर जी महाराज सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अनशन पर थे. बीते 25 दिनों से उन्होंने अन्न का एक भी दाना नहीं खाया था. पूरे नौ दिन बाद यानी मंगलवार सुबह अनशन के दौरान ही उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया. संघी जी मन्दिर सांगानेर, जयपुर से उनकी डोल यात्रा निकलेगी. इसके बाद उन्हें सांगानेर के श्रमण संस्कृति संस्थान में समाधि दी जाएगी.

क्या है पूरा विवाद?

गौरतलब है कि झारखंड के गिरिडीह स्थित पवित्र जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन की सूची में शामिल किए जाने के आदेश पर विरोध जताया जा रहा है. सरकार के इस फैसले पर जैन समाज में काफी गुस्सा है. राज्य सकरार के इस फैसले को लेकर देश भर में प्रदर्शन किया जा रहा है. दूसरी ओर नाराज़ जैन समाज आज यानी मंगलवार(3 दिसंबर) को राजधानी रांची में तीर्थराज सम्मेद शिखर को पर्यटन से मुक्त कराने के लिए रैली करेगा. यह रैली राजभवन के पास जाकर महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौपेगी.

गुजरात में भी प्रदर्शन

वहीं गुजरात के सूरत में भी जैन तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल बनाए जाने पर जमकर विरोध किया जा रहा है. इस विरोध में हज़ारों की संख्या में जैन समाज के लोग सड़कों पर उतरे. बता दें कि झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ियों पर स्थित सम्मेद शिखरजी देश भर के जैन समुदाय के लिए बड़ा तीर्थ स्थल है. इसी कड़ी में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के राज्य सरकार ने इसे पार्टन स्थल घोषित कर दिया गया है. इसी बात को लेकर विरोध जताया जा रहा है. समाज के लोगों ने सरकार को नोटिस लिखने के साथ-साथ अपनी धार्मिक भावनाओं को दर्शाने के लिए मोर्चा खोल दिया है.

दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!

India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार

Advertisement