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Pope Benedict Passes away : नहीं रहे सबसे बड़े कैथलिक धर्मगुरु कहलाने वाले बेनेडिक्ट

नई दिल्ली : शनिवार को कैथलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु कहलाने वाले पूर्व पोप बेनेडिक्ट सोलहवें (XVI) ने 95 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे. वेटिकन के स्पोक्सपर्सन माटेओ ब्रूनी ने उनके निधन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह […]

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Pope Benedict Passes away : नहीं रहे सबसे बड़े कैथलिक धर्मगुरु कहलाने वाले बेनेडिक्ट
  • January 1, 2023 9:53 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : शनिवार को कैथलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु कहलाने वाले पूर्व पोप बेनेडिक्ट सोलहवें (XVI) ने 95 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे. वेटिकन के स्पोक्सपर्सन माटेओ ब्रूनी ने उनके निधन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह 9 बजकर 34 मिनट पर पोप बेनेडिक्ट पर पोप ने अंतिम सांस ली. उनका पार्थिव शरीर 2 जनवरी 2023 को अंतिम दर्शन के लिए सेंट पीटर बेसिलिका में रखा जाएगा और 5 जनवरी को उनका अंतिम संस्कार होगा.

600 साल बाद दिया इस्तीफ़ा

गौरतलब है कि साल 2013 में पोप बेनेडिक्ट ने पद से इस्तीफा दे दिया था. गिरती सेहत को पोप बेनेडिक्ट ने पद छोड़ते समय अपने इस्तीफे की वजह बताई थी. उस समय की रिपोर्ट के मुताबिक, बेनेडिक्ट से पहले साल 1415 में पोप ग्रेगरी XII ने पद से इस्तीफा दिया था. तब ईसाइयों के दो गुटों का झगड़ा इसके पीछे की वजह था. ऐसे में करीब 600 साल बाद इतिहास में पोप के पद से इस्तीफा देने वाले पोप बेनेडिक्ट सोलहवें (XVI) पहले पोप थे।

बता दें, कुछ दिनों पहले (28 दिसंबर) को पोप फ्रांसिस ने खबर दी थी कि पोप बेनेडिक्ट की सेहत काफी खराब है. उन्होंने कहा था- मैं सभी से अपील करता हूं कि पोप बेनेडिक्ट के लिए दुआ करें इस समय उनकी हालत गंभीर होती जा रही है. वेटिकिन के स्पोक्सपर्सन ने भी कहा था कि बेनेडिक्ट की हालत गंभीर है. इसके पीछे की वजह उम्र संबधित बीमारियां थीं.

प्रीस्ट की नियुक्ति को लेकर विवाद

वेटिकन चर्च के दो हजार सालों के इतिहास में पोप बेनेडिक्ट का कार्यकाल सबसे अधिक विवादों से घिरा रहा था. पिछले साल पोप बेनेडिक्ट ने आखिरकार यह माना कि साल 1980 में वे बाल यौन शोषण के एक आरोपी प्रीस्ट के बारे में विचार करने वाली मीटिंग में भी मौजूद थे. इससे कुछ दिन पहले जर्मनी की एक लॉ फर्म की रिपोर्ट में यह कहा गया था कि पोप किसी भी मीटिंग में मौजूद नहीं थे. रिपोर्ट में पोप के हवाले से ऐसा कहा गया था. जिसके बाद उनपर पुराना बयान बदलने का आरोप लगा था जिसके बाद उन्होंने सफाई दी थी कि – ऐसा मेरे स्टेटमेंट की एडिटिंग में गलती के चलते हुआ था। बता दें, बेनेडिक्ट 1977 से 1982 तक म्यूनिख चर्च के आर्कबिशप भी थे इसी दौरान बाल यौन शोषण के चार मामलों की जानकारी मिली थी.

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