नई दिल्ली: इस दुनिया में हर जीवित चीज जिसमें आत्मा है, उसकी मौत तय है। इस धरती पर जन्म लेने वाला मनुष्य से लेकर जीव तक सभी अपना शरीर छोड़कर मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। इस बात को तो कोई नहीं जानता कि आप या हम अगले जन्म में किस रूप में जन्म लेंगे। […]
नई दिल्ली: इस दुनिया में हर जीवित चीज जिसमें आत्मा है, उसकी मौत तय है। इस धरती पर जन्म लेने वाला मनुष्य से लेकर जीव तक सभी अपना शरीर छोड़कर मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। इस बात को तो कोई नहीं जानता कि आप या हम अगले जन्म में किस रूप में जन्म लेंगे। लेकिन फिर भी व्यक्ति आजीवन अपने आखिरी मकसद यानी कि मौत को भूल जाता है और इस दुनियादारी और मोह-माया में इतना लिप्त हो जाता है और केवल धन और शानों-शौकत के पीछे भागता है।
इंसान कितनी भी कोशिश कर ले, इस सच को कोई नहीं बदल सकता। इंसान खाली हाथ आता है और खाली हाथ ही जाता है। आप सिर्फ अपने अच्छे और बुरे कर्मों को ही अपने साथ ले जाते हैं. हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार मनुष्य को अपने जीवन में अच्छे कर्म करने चाहिए जिससे कि उसे नर्क की यातनाएं न झेलना पड़े और उसे मोक्ष की प्राप्ति जल्दी हो.
मनुष्य अपने कर्मों के साथ यदि कुछ और लेकर जाता है तो वह है ‘राम का नाम’। अक्सर आपने देखा होगा कि लोग शव को ले जाते समय अंतिम यात्रा में बस “राम नाम सत्य है” जपते हुए ले जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं अंतिम संस्कार में राम का नाम क्यों लिया जाता है ? आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण:
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब व्यक्ति मौत को प्राप्त हो जाता है तो उसके आखिरी पल में लोग उसे ले जाते हुए “राम नाम सत्य है” कहते हुए ले जाते हैं. माना जाता है कि इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही रामायण में राजा दशरथ ने अपने अंतिम समय में राम-राम कहकर मोक्ष प्राप्त किया था। शास्त्रों के अनुसार भी यदि आप राम नाम का जाप करते हैं तो आपकी परेशानियां कम हो जाती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)