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क्या सजा-दर-सजा से टूट चका है माफ़िया मुख्तार… कड़ी मूछों पर भी ढीले पड़े तेवर

प्रयागराजः कायदों के मामले में कानून का शिकंजा काफी सख्त है. जिस पर यह शिकंजा कसता है तो बस कसता ही चला जाता है. कायदों को दरकिनार करने वालों को आह भरने की भी फुरसत नहीं मिलती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के साथ भी कुछ ऐसा ही होता […]

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क्या सजा-दर-सजा से टूट चका है माफ़िया मुख्तार… कड़ी मूछों पर भी ढीले पड़े तेवर
  • December 28, 2022 10:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

प्रयागराजः कायदों के मामले में कानून का शिकंजा काफी सख्त है. जिस पर यह शिकंजा कसता है तो बस कसता ही चला जाता है. कायदों को दरकिनार करने वालों को आह भरने की भी फुरसत नहीं मिलती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के साथ भी कुछ ऐसा ही होता नज़र आ रहा है. बीते कुछ वक़्त में मुख्तार अंसारी को एक के बाद एक कुल तीन मामलों में सजा सुनाई गई है. आज वह अदालत में पेशी के लिए पहुँचे थे.

• ठंडा पड़ा घमंड

ख़बर के मुताबिक, अंअंसारी ने सभी को हाथ जोड़कर नमस्कार किया। इस दरमियान अंसारी की ढलती उम्र के साथ तेवर भी नरम पड़ते हुए नज़र आ रहे थे. इससे पहले जब वो जेल या फिर कोर्ट के बाहर नज़र आते थे तो अपने ख़ास अंदाज़ में दिखाई देते थे. लेकिन देखने से तो अब ऐसा लगता है कि मुख़्तार ने पुलिस के आगे खुद को पूरी तरह सरेंडर कर दिया है.

 

• मुख़्तार का ये है इल्ज़ाम

ख़बरों की मानें तो, अंसारी ने कई मर्तबा सूबे के सरकार पर साजिश के तहत परेशान करने का इल्ज़ाम और जेल में उनका क़त्ल होने का शक भी जाहिर कर चुके हैं. अंसार बेनामी संपत्ति और माल ज़ब्ती के एक मामले में ईडी की हिरासत में थे. अब इस मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये 10 जनवरी को अगली सुनवाई की तारीख तय की गई है.

 

• क़त्ल के इल्जाम में 10 साल की सजा

इससे पहले भी 15 दिसंबर को मुख़्तार और उसके करीबी भीम सिंह को गाज़ीपुर की एक गैंगस्टर कोर्ट ने क़त्ल और इसकी कोशिश के पाँच जुर्म में 10 साल की सजा करार दी थी. इन्हीं मामलों में कांस्टेबल रघुवंश सिंह का कत्ल और गाज़ीपुर के एक SP पर जानलेवा हमले शुमार है. खबर के मुताबिक मुख़्तार को बीते तीन महीनों में तीसरी बार सजा मिल चुकी है. मुख़्तार बीते कुछ सालों से यूपी के बांदा जेल में कैद है. मुख़्तार से ईडी की तरफ से पूछताछ जारी है.

• जेलर को धमकाने का भी इल्ज़ाम

गौर करने वाली बात है कि इससे पहले भी मुख़्तार जेलर को धमकाने के इल्ज़ाम में सजा के हक़दार रह चुके हैं. जेलर एसके अवस्थी को धमकी देने और पिस्टल तानने के मामले मे मुख़्तार को कसूरवार करार दिया गया था और इसके तहत उन्हें सज़ा भी सुनाई गई थी. ख़बर के मुताबिक, 23 साल पुराने इस मामले में अदालत ने अंसारी से 50 हजार रुपए का जुर्माना भी वसूला था.

 

 

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