Explainer : बर्फीला तूफान क्या है? जानिए इससे शरीर को होने वाले नुकसान

नई दिल्ली: पूर्वी अमेरिका के ज्यादातर इलाकों में बम चक्रवात का कहर जारी है। माना जा रहा है कि यह भारी हिमपात है। जिससे 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। बर्फ़ीले तूफ़ान ने न्यूयॉर्क के ऊपरी हिस्से में बफ़ेलो शहर (जगह का नाम) को लगभग असहाय बना दिया। बर्फ़ीला तूफ़ान एक प्रकार […]

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Explainer : बर्फीला तूफान क्या है? जानिए इससे शरीर को होने वाले नुकसान

Amisha Singh

  • December 28, 2022 11:16 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: पूर्वी अमेरिका के ज्यादातर इलाकों में बम चक्रवात का कहर जारी है। माना जा रहा है कि यह भारी हिमपात है। जिससे 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। बर्फ़ीले तूफ़ान ने न्यूयॉर्क के ऊपरी हिस्से में बफ़ेलो शहर (जगह का नाम) को लगभग असहाय बना दिया। बर्फ़ीला तूफ़ान एक प्रकार का सर्दियों का तूफान है जो बर्फीली बारिश के साथ आता है, जिसे फ़्रीज़ इवेंट के रूप में भी जाना जाता है। US के कुछ हिस्सों में इसे सिल्वर स्मेल्टिंग के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बारिश होने के साथ-साथ बर्फ और ओले पड़ते है. ऐसा अमूमन तब होता है जब मौसम का तापमान पहले से ही बहुत कम होता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि ऐसा तापमान ठंड के मौसम में ही आता हो, भले ही जमीन का तापमान कम हो, बर्फानी तूफान कभी-कभी ही देखने को मिलते हैं.

बर्फीले तूफान क्यों आते हैं?

प्रकृति के इस खेल को समझने के लिए आपको कुछ भौगोलिक परिस्थितियों को जानने की जरूरत है, जिसके कारण बर्फानी तूफान आते हैं। समुद्र में निम्न दाब क्षेत्र में चक्रवात के चलते अपेक्षाकृत गर्म हवाओं का चक्र बनता है। यदि सतह के पास पर्याप्त मात्रा में ठंडी हवा नहीं है, तो बर्फ की तरह बारिश हो सकती है। चूँकि चक्रवात कम दबाव वाले क्षेत्रों में बहुत तेज़ हवाएँ चलती हैं, इसलिए बहुत तेज़ हवाएँ ही बड़े हिमपात का कारण बन सकती हैं। गिरने वाली बर्फ की मात्रा इस बात से निर्धारित होती है कि कितनी तेजी से गर्म हवा ठंडी हवा पर बहती है या कितना जल वाष्प उपलब्ध है, या तूफान कितनी तेजी से चलता है।

 

खतरे और सावधानियां

 

बर्फ़ीला तूफ़ान के कारण शीतदंश (फ्रॉस्टबाइट) की संभावना होती है, यानी चेहरे, उंगलियों और पैर की उंगलियों आदि से महसूस करने की शमता गायब हो जाती है। बर्फ़ीले तूफ़ान की चपेट में आने से व्यक्ति सुन्न हो सकता है या उसकी त्वचा मोम की तरह सूखी और पीली हो सकती है। आवज़ का लड़खड़ाना और हाथ-पैरों का सुन्न होना एक सामान्य लक्षण है। ऐसे में अगर आपके शरीर का तापमान 95 डिग्री तक पहुंच जाए तो इसे आपात समझा जाना चाहिए। यह हाइपोथर्मिया जानलेवा भी साबित हो सकता है।

 

क्या करना चाहिए

 

न केवल बर्फ़ीले तूफ़ान में, बल्कि अत्यधिक ठंड की स्थिति में भी आपको गर्म कमरे में जाने की आवश्यकता होती है। आपको अपने आप को गर्म हवा में रखना और शरीर की गर्मी का उपयोग करना होगा। लेकिन हीटिंग पैड और मसाज के इस्तेमाल से बचना चाहिए। क्योंकि शरीर पर इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं. साथ ही आपको अपने शरीर के छाती और सिर को खासतौर से गर्म रखना चाहिए।

 

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