नई दिल्ली : अमेरिका इस समय बॉम्ब तूफ़ान से गुज़र रहा है. जहां इतना भयानक तूफ़ान शायद ही कभी अमेरिका ने देखा होगा. साल 1983, 2014 और इस बार बॉम्ब तूफ़ान ने पूरे न्यूयॉर्क को नॉर्थ पोल बना दिया है. कई इलाकों में तो चार-चार फ़ीट तक बर्फ जम चुकी है. बढ़ रहा है मौत […]
नई दिल्ली : अमेरिका इस समय बॉम्ब तूफ़ान से गुज़र रहा है. जहां इतना भयानक तूफ़ान शायद ही कभी अमेरिका ने देखा होगा. साल 1983, 2014 और इस बार बॉम्ब तूफ़ान ने पूरे न्यूयॉर्क को नॉर्थ पोल बना दिया है. कई इलाकों में तो चार-चार फ़ीट तक बर्फ जम चुकी है.
न्यू यॉर्क के बफैलो इलाके में 3 से 4 फीट मोटी बर्फ जम गई है. पूरा इलाका बर्फ की मोटी परत से ढक गया है. लोगों का घर से निकलना मुश्किल है. घर, सड़कें, दीवारें, खिड़कियां, पेड़-पौधें, कारें सबकुछ बर्फ के कब्रिस्तान में बदल चुका है. ठंड से मरने वालों का आंकड़ा भी दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. अब तक बफैलो में ही मरने वालों की संख्या 27 हो चुकी है.
पूरे न्यूयॉर्क शहर में शोवेल स्मार्ट अलर्ट वॉर्निंग जारी की गई है. इसका मतलब बर्फ की इतनी मोटी परत जैम चुकी है कि इसे हटाते समय आपकी रीढ़ की हड्डी को लेकर दिक्कत हो सकती है. यहाँ तक की दिल का दौरा भी पड़ सकता है. जानकारी के अनुसार पूरे अमेरिका में इस बर्फीले तूफान की वजह से 60 लोगों की मौत हो चुकी है.आर्कटिक डीप फ्रीज (Arctic Deep Freeze) की वजह से आने वाले इस बर्फीले तूफ़ान ने पूरे अमेरिका में सोमवार को 3800 से ज्यादा उड़ानें रद्द की. इस समय भी अमेरिका की 70 फीसदी उड़ानें रद्द हो रही हैं.
कनाडाई सीमा के पास है, सबसे ज्यादा बुरी हालत देखी जा रही है. यहां करीब 1.27 मीटर मोटी बर्फ की परत जमी हुई है. तेज बर्फीली हवाओं से लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो चुका है. लगातार बर्फबारी ने सड़कों को रोक दिया है. कारें, एंबुलेंस जहां से थे वहीं फंस गए हैं और उन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इस बीच राहत एवं बचावकर्मी भी इतने ज्यादा नहीं है कि हर काम जल्द निपट सके. लोग अपनी गाड़ियों को किनारे छोड़कर भाग रहे हैं.
अब तक बर्फ में फांसी गाड़ियों से सैकड़ों लोगों को रेस्क्यू किया गया है. कई-कई किलोमीटर दूर लोगों को ग्रॉसरी की दुकानों में जाना पड़ रहा है. मालूम हो साल 1977 में ऐसा ही भयानक तूफ़ान आया था. जब 30 लोगों की मौत हुई थी. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने न्यूयॉर्क के लिए फेडरल इमरजेंसी घोषित कर दी है. सैकड़ों नेशनल गार्ड और स्थानीय बचावकर्मियों मदद में जुटे हुए हैं. कई इलाकों में बिजली भी नहीं है. ऐसे में लोगों को खाना और गर्म रखने की वस्तुएं दी जा रही हैं. 14 हजार लोग इस समय बिना बिजली के हैं.
मालूम हो आर्कटिक ब्लास्ट (Arctic Blast) की वजह से देश में Bomb Cyclone आया है. आर्कटिक की तरफ से ठंडी हवाएं अमेरिका की तरफ आ रही हैं. जो इस तबाही का कारण है. इस समय अमेरिका के कुछ स्थानों का पारा 57 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है.
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