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निकाय चुनाव : ‘BJP को सजा देगा OBC समाज…’- योगी सरकार पर मायावती का हमला

लखनऊ : उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों से पहले ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुना दिया. हाई कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार संतुष्ट नहीं दिख रही है. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख करेगी. दरअसल फैसला सरकार के हित […]

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निकाय चुनाव : ‘BJP को सजा देगा OBC समाज…’- योगी सरकार पर मायावती का हमला
  • December 27, 2022 4:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ : उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों से पहले ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुना दिया. हाई कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार संतुष्ट नहीं दिख रही है. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख करेगी. दरअसल फैसला सरकार के हित में नहीं आया है. और इस फैसले में ओबीसी आरक्षण को रद्द कर जल्द से जल्द चुनाव करवाने का आदेश दिया गया है.

फैसले में कहा गया है कि ओबीसी आरक्षण के लिए जल्द से जल्द ट्रिपल टेस्ट कराने फैसल सुनाया है. इस बीच विपक्ष भ्ही हाई कोर्ट के फैसले को लेकर यूपी सरकार पर जमकर बरस रहा है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी ओबीसी आरक्षण पर हाई कोर्ट के फैसले को लेकर प्रतिक्रिया दी है.

क्या बोलीं बसपा सुप्रीमो मायावती?

मायावती ने ट्वीट किया, ‘यूपी में बहुप्रतीक्षित निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार की कारगुजारी का संज्ञान लेने सम्बंधी माननीय हाईकोर्ट का फैसला सही मायने में भाजपा व उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है.’

क्या बोले सीएम योगी?

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आज ओबीसी आरक्षण को लेकर अपना फैसला सूना दिया है. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध करायेगी। फिर चाहे राज्य में निकाय चुनाव हों या ना हों. सीएम योगी ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण उपलब्ध करायेगी, इसके बाद ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन कराया जाएगा, यदि जरूरत पड़ी तो हाई कोर्ट के निर्णयों पर विचार करते हुए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की ओर भी रूख कर सकती है.

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