नई दिल्ली : पूरा देश ही मेरा गांव है… कहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति में सादगी, सरलता और सहजता के प्रतीक थे. आज उनकी 95वी जयंती है. आज इस मौके पर आइए जानते हैं पूर्व प्रधामंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गांव, गरीब और किसान के बीच का ख़ास संबंध. गांव से था […]
नई दिल्ली : पूरा देश ही मेरा गांव है… कहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति में सादगी, सरलता और सहजता के प्रतीक थे. आज उनकी 95वी जयंती है. आज इस मौके पर आइए जानते हैं पूर्व प्रधामंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गांव, गरीब और किसान के बीच का ख़ास संबंध.
प्रधानमंत्री वाजपेयी का पैतृक गांव आगरा का बटेश्वर था लेकिन जब उनसे इसपर सवाल किया गया तो उन्होंने पूरे देश को ही अपना गांव बना दिया. उस समय उनके इस सरल और सहज जवाब ने पूरे देश का दिल जीत लिया था. उनका यही जवाब दर्शाता है कि उन्हें गांव की भूमि से कितना लगाव था. जब-जब सुशासन का ज़िक्र किया जाता है तो अटल जी का नाम हर भारतीय के जहन में आ जाता है. वह मानते थे कि स्वराज को सुराज में बदलकर सुशासन लाना मुमकिन है.
अटल बिहारी वाजपेयी कभी अपने बारे में नहीं सोचा करते थे. वह देश को खुद से आगे रखा करते और देश के जन-गण-मन को जीतते रहे. भारत की राजनीति में उन्होंने एक ऐसी लकीर खींची जहां तक पहुंचना आज हर भारतीय राजनेता का सपना है. बतौर प्रधानमंत्री गांव, गरीब और किसान तीनों को प्राथमिकता देना उनकी प्राथमिकता थी. भारत आज जहां खड़ा है उसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान अविस्मरणीय है. भारत के लिए उन्होंने कई ग्रामीण योजनाओं की शुरुआत की थी. गांव, गरीब और किसान के हित में उन्होंने कई अभूतपूर्व फैसले किए और किसानों के लिए अहम कदम उठाए.
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री रहे 1996 में पहले 13 दिन तक, फिर 1998 में 13 महीने तक और उसके बाद 1999 से 2004 तक. गांव के लोग उनसे जुड़ाव महसूस किया करते थे. देश के सभी किसानों के प्रति वो काफी संवेदनशील थे और हमेशा किसानों के लिए हाजिर रहते थे. इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री जैसी बड़ी जिम्मेदारी निभाते हुए भी उन्होंने 13 महीने कृषि मंत्रालय संभाला.
अटल बिहारी वाजपेयी देश के समृद्धि का रास्ता खेत और खलिहानों को मानते थे. उनका मानना था कि जब किसान आर्थिक तौर से मजबूत होंगे, तभी विकास तेजी से होगा. वह भारत में खाद्य श्रृंखला क्रांति लाना चाहते थे इसलिए उन्होंने पहली बार किसानों की औसत आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य भी रखा. 15 अगस्त 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने लाल किले के प्रचीर से पहली बार किसानों की आय दोगुना करने की बात कही थी. हालांकि उन्होंने इसे पूरा करने का लक्ष्य 2010 तक बनाया था.
इसी तरह की कई योजनाएं रहीं जो वाजपेयी किसानों के हिट में लेकर आए.
किसान क्रेडिट कार्ड की पहल
पहली बार राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना शुरू
किसानों को मिले कृषि उपज का उचित मूल्य
पहली बार जैविक खेती के लिए नीति
चीनी मिलों को लाइसेंस प्रणाली से मुक्ति
डेयरी उद्योग को लाइसेंस प्रणाली से मुक्ति
बीटी कॉटन को मंजूरी देने का ऐतिहासिक फैसला
किसानों की मदद के लिए ‘किसान चैनल’
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!
India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार