नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के युद्ध के लिए नया साल कोई सकारात्मक परिणाम लाता तो नज़र नहीं आ रहा. 24 फरवरी 2022 को शुरू हुए इस युद्ध के 300 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब भी जंग का कोई नतीजा नहीं निकल रहा समय के साथ जंग और आक्रामक होती जा रही है. […]
नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के युद्ध के लिए नया साल कोई सकारात्मक परिणाम लाता तो नज़र नहीं आ रहा. 24 फरवरी 2022 को शुरू हुए इस युद्ध के 300 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब भी जंग का कोई नतीजा नहीं निकल रहा समय के साथ जंग और आक्रामक होती जा रही है. यूक्रेन तो जंग में तबाह हो गया लेकिन अमेरिका और NATO से मिल रहे डॉलर और विध्वंसक हथियारों के दम पर राष्ट्रपति जेलेंस्की अब भी लड़ने के लिए सीना ताने खड़े हैं.
इस बीच जेलेंस्की जंग के शुरु होने के 300 दिनों में पहली बार विदेश यात्रा पर निकले हैं और ऐसे में वो आज अमेरिका पहुंचे हैं. जेलेंस्की ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य यूक्रेन की ताकत और रक्षा क्षमता को और मजबूत करना है, वो भी ऐसे समय में जब रूस जमा देने वाली सर्दी में यूक्रेन के एनर्जी और वाटर सप्लाई प्रतिष्ठानों पर हमला कर रहा है. राष्ट्रपति जेलेंस्की के राजनीतिक सलाहकार माईखाइलो पोडोलियाक ने जेलेंस्की की विदेश यात्रा को लेकर कहा कि जेलेंस्की की अमेरिकी यात्रा ने दोनों देशों के बीच पनपे विश्वास के उच्च स्तर को दिखाया है और उन्हें यह समझाने का मौका भी दिया कि यूक्रेन को किन-किन हथियारों की ज़रूरत है.
जेलेंस्की के राजनीतिक सलाहकार माईखाइलो पोडोलियाक ने कहा कि, “हथियार, हथियार और ज्यादा हथियार… राष्ट्रपति जेलेंस्की के लिए व्यक्तिगत रूप से यह बताना ख़ास है कि हमें कुछ खास किस्म के हथियारों की क्यों ज़रूरत है? विशेष रूप से, बख्तरबंद वाहन, नवीनतम मिसाइल रक्षा प्रणाली और लंबी दूरी की मिसाइलें, बता दें कि बाइडेन यूक्रेन के लिए दो बिलियन डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता को लेकर ऐलान करने वाले हैं और इसमें पैट्रियॉट मिसाइल भी शामिल है ताकि यूक्रेन रूसी मिसाइलों की बौछार से खुद को बचा न पाए.”
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