जयपुर। सिंतबर माह में राजस्थान में आरम्भ हुआ सियासी ड्रामा थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। गहलोत गुट के नेता शांति धारीवाल दावा कर चुके हैं कि, कांग्रेस के करीब 92 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। क्या इन इस्तीफों को मंजूरी मिल जाने के बाद गहलोत […]
जयपुर। सिंतबर माह में राजस्थान में आरम्भ हुआ सियासी ड्रामा थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। गहलोत गुट के नेता शांति धारीवाल दावा कर चुके हैं कि, कांग्रेस के करीब 92 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। क्या इन इस्तीफों को मंजूरी मिल जाने के बाद गहलोत सरकार राजस्थान को अलविदा कह देगी या फिर राजस्थान में कोई नया सियासी ड्रामा जन्म लेगा।
25 सिंतंबर को मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम 7 बजे होनी थी, गहलोत गुट के नेता शांति धारीवाल ने अपने अवास पर भी समानान्तर बैठक बुला ली काफी विधायक इस बैठक में शामिल हुए और इन सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री निवास में होने वाली बैठक का बहिष्कार कर रात 12 बजे डॉ. सीपी जोशी के आवास पहुंचक अपने इस्तीफे सौंप दिए।
इस दौरान शांति धारीवाल के अनुसार लगभग 32 विधायकों के इस्तीफे की बात कही जा रही है।
92 विधायकों के द्वारा इस्तीफा सौंपे जाने के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने किसी भी प्रकार का कोई एक्शन नहीं लिया। इस मामले को लेकर भाजपा नेता एवं प्रतिपक्ष उपनेता राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि, कांग्रेस को 4 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकार पर अभी भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
इस दौरान राठौड़ ने कहा कि, अध्यक्ष को कानून रूप से इस्तीफे स्वीकार करने ही होंगे। हम आपको बता दें कि भारतीय संविधान में आर्टिकल 190.3(बी) और राजस्थान विधानसभा के नियम आर्टिकल 208(ए) में लिखा है कि, विधानसभा आध्यक्ष इस्तीफा दे सकते हैं। तत्काल रूप से दिए गए इस्तीफे को वापस लेने का भी कोई प्रावधान नहीं है। निस्तारण के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना होगा।