नई दिल्ली। पहली बार एशियाई देश कतर की मेजबानी में फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट यानी फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया। इस वर्ल्ड कप के साथ ही दिग्गज खिलाड़ी लियोनेल मेसी का सपना भी पूरा हो गया है औऱ उनकी टीम फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीत ली है। 36 साल बाद अर्जेंटीना […]
नई दिल्ली। पहली बार एशियाई देश कतर की मेजबानी में फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट यानी फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया। इस वर्ल्ड कप के साथ ही दिग्गज खिलाड़ी लियोनेल मेसी का सपना भी पूरा हो गया है औऱ उनकी टीम फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीत ली है।
18 नवंबर यानी रविवार रात 8.30 बजे फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल मैच शुरु हुआ। फाइनल मुकाबला लियोनेल मेसी की कप्तानी वाली अर्जेंटीना फुटबॉल टीम और पिछली बार की डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस के बीच खेला गया। इस महामुकाबले में अर्जेंटीना ने पेनाल्टी शूटआउट में फ्रांस को 4-2 से हरा कर 36 साल बाद ये ट्रॉफी अपने नाम की।
फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में लियोनेल मेसी की टीम अर्जेंटीना ने गत चैंपियन फ्रांस को पेनाल्टी शूटआउट में 4-2 से हरा कर 36 साल बाद तीसरी बार वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम की। बता दें कि पहली बार एशियाई देश कतर की मेजबानी में खेला गया ये मुकाबला फीफा इतिहास का सबसे रोमांचक मुकाबला रहा। इसी के साथ दिग्गज फुटबॉलर लियोनेल मेसी की विश्व कप जीतने की अधूरी ख्वाहिश भी पूरी हो गई, जिससे वो साल 2014 में चूक गए थे।
बता दें कि साल 1986 में डिएगो माराडोना के बाद उन्होंने अपनी टीम को विश्वकप जीता कर मेसी महानतम खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं। अर्जेंटीना ने 80वें मिनट तक दो गोल की बढ़त बनाई हुई थी। जिसमें 23वें मिनट कप लियोनेल मेस्सी ने तो 36वें मिनट पर एंजेल डि मारियो ने गोल दागा था। लेकिन एमबाप्पे में जोरदार पलटवार किया और उन्होंने 80वें और 81वें मिनट पर दोल करके मैच को और लंबा बना दिया।
अतिरिक्त समय में लियोनेल मेसी ने 108वें मिनट पर गोल दागा तो उसके 10 मिनट बाद फिर एम्बाप्पे की तरफ से गोल दाग कर स्कोर बोर्ड को बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया गया। बराबर गोल होने की वजह से खेल पेनाल्टी शूटआउट तक गया जिसमें अर्जेंटीना ने फ्रांस को 4-2 से हरा कर 36 साल बाद ये ट्रॉफी अपने नाम की।