नई दिल्ली:सरकार ने भारत के कमज़ोर तबकों को मुफ्त में इलाज मुहैया कराने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना चलाई जा रही है। इस योजना से भारत के करोड़ों लोग जोड़े जा चुके हैं और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। कितने लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है? इस योजना […]
नई दिल्ली:सरकार ने भारत के कमज़ोर तबकों को मुफ्त में इलाज मुहैया कराने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना चलाई जा रही है। इस योजना से भारत के करोड़ों लोग जोड़े जा चुके हैं और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।
कितने लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है?
इस योजना के जरिए सरकार लोगों को पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य संबंधी सहायता बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराती है। अब तक देश के 4.5 करोड़ लोगों को इस योजना के तहत फायदा पहुँचाया जा चुका है।
कब शुरुआत हुई थी इस स्वास्थ्य योजना की?
सरकार ने साल 2018 में इस योजना की पहल इस मकसद के तहत की थी कि इसके ज़रिये समाज के वंचितों को बेहतर सेवाएं मिल सके। बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने संसद में इस योजना से जुड़ने वाले लोगों की संख्या और उसकी विशालता के बारे में बताया। डॉ.मनसुख मंडाविया ने संसद के सदन में इस बात की जानकारी दी कि आयुष्मान भारत स्कीम विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तौर पर गरीब वर्ग के लिए सबसे बड़ी स्वास्थ्य पहल बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के जरिए देश में 4.5 करोड़ लोगों को बिना कोई पैसा खर्च किए इस योजना से फायदा मिल चुका है। सितंबर के महीने में इस योजना के तहत फायदा पाने वाले लोगों की तादाद 3.8 करोड़ थी। पिछले तीन महीने में इस स्कीम से लगभग एक करोड़ लोग जुड़े हैं।
भविष्य में इस योजना में और कैसे बदलाव की उम्मीद की जा रही है?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने संसद के अपने बयान में यह भी जानकारी दी कि भविष्य में भारत सरकार सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में इंटीग्रेटिव मेडिसिन के लिए अलग से एक डिविजन के प्रावधान के लिए भी कार्यरत है।