नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर चल रही तनातनी के के बीच कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट को जमानत याचिकाओं और छोटे मामलों पर सुनवाई करने से बचना चाहिए। रिजिजू ने सर्वोच्च […]
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर चल रही तनातनी के के बीच कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट को जमानत याचिकाओं और छोटे मामलों पर सुनवाई करने से बचना चाहिए। रिजिजू ने सर्वोच्च न्यायालय में लंबित पड़े हजारों मामलों का जिक्र करते हुए ये बयान दिया।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में कहा कि भारत में सबसे बड़ी समस्या ये है कि जब भी कोई फैसला आता है तो वो उच्च न्यायालय चला जाता है, इसके बाद फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाता है। इस वजह से दूसरे देशों के लोग सोचते हैं कि भारत की कोर्ट में जाना तो फंसने जैसा है। मैं उस रास्ते पर नहीं जाना चाहता हूं।
किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि मैं ये नहीं कह सकता हूं कि संविधान में संशोधन करके कोर्ट के अधिकार को हम कम करना चाहते हैं। लेकिन ये बहुत गंभीर चिंता का विषय है। अगर किसी फोरम पर किसी मामले का फैसला आ जाता है तो फिर से उसे कोर्ट में ट्रायल करना गलत है। इस दौरान कानून मंत्री ने लंदन, सिंगापुर के साथ ही कई देशों का उदाहरण दिया।
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