Advertisement

40 साल बाद मिला भाजपा को ऐसा दर्द, बढ़ गई अनुराग ठाकुर की परेशानियां

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव हारने के बाद भले ही भाजपा को इस बात का सुकून है कि, वह एक फीसदी से भी कम वोट से हारी है, लेकिन भाजपा को 40 साल बाद एक बड़ा दर्द मिला है, हमीरपुर विधानसभा सीट में भाजपा का पूरी तरह साफ हो जाना भाजपा के साथ-साथ उनके केंद्रीय […]

Advertisement
40 साल बाद मिला भाजपा को ऐसा दर्द, बढ़ गई अनुराग ठाकुर की परेशानियां
  • December 11, 2022 2:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव हारने के बाद भले ही भाजपा को इस बात का सुकून है कि, वह एक फीसदी से भी कम वोट से हारी है, लेकिन भाजपा को 40 साल बाद एक बड़ा दर्द मिला है, हमीरपुर विधानसभा सीट में भाजपा का पूरी तरह साफ हो जाना भाजपा के साथ-साथ उनके केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के लिए बेहद ही चिंता का विषय है।

क्या हुआ हमीरपुर सीट में?

भाजपा को सबसे बड़ा झटका हमीरपुर मे लगा है, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके पुत्र केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के गृह जनपद में ही भाजपा का स्कोर शून्य हो गया है।
अनुराग ठाकुर भाजपा के ताकतवर मंत्रियों में से एक हैं। 1998 में भाजपा ने हमीरपुर की 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी और प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री बनाया था। 2003,2007 और 2012 में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है। लेकिन 2017 में भाजपा पाचं में से तीन सीटों पर परास्त हो गई थी इतना ही नहीं खुद प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर सीट में कांग्रेस के राजिंदर राणा से हार गए थे।

अनुराग ठाकुर का बढ़ा सिरदर्द

हमीरपुर में सभी सीटों मे सफाया होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की चिंता अधिक बढ़ गई है क्योंकि उनके गृह जनपद हमीरपुर से ही सम्बन्ध रखने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाकर अनुराग ठाकुर के सिरदर्द में इजाफा कर दिया है।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ही ठाकुर के इलाके से हैं। राजनीतिक जानकारों के अनुसार 2024 से पहले अनुराग ठाकुर की चिंताओं मे इजाफा हो सकता है। हिमाचल में भाजपा की हार का कारण बागी नेता एवं टिकट बंटवारे में हुई चूक को बताया जा रहा है, कहा जा रहा है कि, स्थानीय लोग भी भाजपा के टिकट वितरण को लेकर खुश नहीं थे।

 

Advertisement