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सीएम योगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सपा प्रवक्ता पर एफआईआर, पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया

लखनऊ। एक टीवी डिबेट मे समाजवादी पार्टी के नेता एवं प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी का इस्तेमाल किया था। जिसको लेकर उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही लखनऊ स्थित उनके आवास पर नोटिस चस्पा कर उन्हें फरार घोषित […]

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सीएम योगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सपा प्रवक्ता पर एफआईआर, पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया
  • December 11, 2022 2:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। एक टीवी डिबेट मे समाजवादी पार्टी के नेता एवं प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी का इस्तेमाल किया था। जिसको लेकर उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही लखनऊ स्थित उनके आवास पर नोटिस चस्पा कर उन्हें फरार घोषित कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

बीते समय में एक टीवी डिबेट के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सम्बन्ध में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी।
भाजपा के प्रवक्ता हीरो बाजपेई द्वारा लखनऊ के हजरतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद अनुराग पर 12 नवंबर को केस दर्ज किया था। बाजपेई ने अपनी शिकायत में भदौरिया पर आरोप लगाया है कि, उन्होने आदित्यनाथ के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की है जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। भदौरिया ने एक टीवी चैनल में चर्चा के दौरान बहस में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया

कल शनिवार लखनऊ पुलिस की एक टीम ने इंदिरा नगर स्थित समाजवादी प्रवक्ता के घर पर सीआरपीसी की धारा 82 (भगोड़े व्यक्ति के लिए उद्घोषणा) के तहत नोटिस चस्पा कर दिया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि, स्थानीय अदालत के आदेशों का पालन करते हुए ही सपा प्रवक्ता के घर पर नोटिस चिपकाया गया है। साथ ही उन्होने आरोपी अनुराग भदौरिया को 30 दिनों के अन्दर आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी है

भदौरिया पर लगी हैं यह धाराएं

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया पर आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समुदायों एवं समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 298 (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से कोई शब्द बोलना), 504 (शांति भंग करने के मंसूबे से जानबूझकर अपमानित करना) और 505(2) (अफवाह फैलाने वाले किसी भी बयान या रिपोर्ट को प्रसारित या प्रकाशित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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