खतौली। खतौली में हुए उपचुनाव भाजपा के लिए दुखदायी साबित हुए जयंत चौधरी की मेहनत ने उन्हे फिर से इस सीट पर वापसी का मौका दे दिया। भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सैनी ने अपनी पत्नी राजकुमारी सैनी के लिए चुनाव प्रचार किया लेकिन उनकी कुछ गलतियों ने न सिर्फ भाजपा के हाथ से यह […]
खतौली। खतौली में हुए उपचुनाव भाजपा के लिए दुखदायी साबित हुए जयंत चौधरी की मेहनत ने उन्हे फिर से इस सीट पर वापसी का मौका दे दिया।
भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सैनी ने अपनी पत्नी राजकुमारी सैनी के लिए चुनाव प्रचार किया लेकिन उनकी कुछ गलतियों ने न सिर्फ भाजपा के हाथ से यह सीट छीन ली बल्कि, राष्ट्रीय लोक दल को वापसी का मौका भी दे दिया।
खतौली विधानसभा सीट में उपचुनाव के चलते राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने खुद खतौली में पहुंचकर गांव-गांव जाकर 50 जनसभाएं की वहीं वह खुद वोटर पर्ची बांटने के लिए भी घर-घर पहुंचे।
प्रत्याशी के चयन से लेकर मतदान वाले दिन तक जयंत चौधरी जातीय समीकरण अपने पक्ष में करते हुए नज़र आए। जिसके फलस्वरूप आरएलडी ने इस सीट मे जीत के साथ अपनी वापसी कर ली और भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
विक्रम सैनी अपनी पत्नी राजकुमारी के लिए चुनाव प्रचार करते नज़र आ रहे थे, वहीं दूसरी और सैनी दिवंगत जाट नेता चौधरी अजीत सिंह समेत दूसरे नेताओ के खिलाफ भी भाषणबाजी करते नज़र आए।
सैनी के इन बयानों के कारण जातीय समीकरण उनके खिलाफ होते गए जिसके फलस्वरूप आरएलडी ने अपनी खोई हुई जमीन फिर से हासिल कर ली। हम आपको बता दें कि, मौजूदा चुनाव में आरएलडी ने खतौली विधानसभा की सीट को 16,169 वोटों से गंवाया था, वहीं नौ महीने के अंतराल के बाद वापस इस सीट को 22,143 वोटों से जीत लिया।