खतौली : खतौली उपचुनाव के नतीजों का इंतज़ार है. जहां अब तक कुल चार राउंड की काउंटिंग हो चुकी है. नतीजों में गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया करीब छह हजार वोटों से आगे हो गए हैं. वहीं भाजपा की उम्मीदवार राजकुमारी सैनी लगातार कई राउंड से पीछे चल रही हैं. बता दें, मदन भैया के खाते […]
खतौली : खतौली उपचुनाव के नतीजों का इंतज़ार है. जहां अब तक कुल चार राउंड की काउंटिंग हो चुकी है. नतीजों में गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया करीब छह हजार वोटों से आगे हो गए हैं. वहीं भाजपा की उम्मीदवार राजकुमारी सैनी लगातार कई राउंड से पीछे चल रही हैं. बता दें, मदन भैया के खाते में अब तक कुल 15395 पड़े हैं. वहीं भाजपा को उपचुनाव में 9370 वोट मिले हैं. दोनों के बीच 6025 वोटों का अंतर है.
मदन भैया – 15395
राजकुमारी – 9370
चौथे राउंड के बाद रालोद प्रत्याशी 6025 वोट से आगे हैं।
RLD नेता जयंत चौधरी के लिए ये चुनाव बेहद अहमियत रखते हैं. क्योंकि इस सीट पर जीत पश्चिम में उनका कद और वजूद और मजबूत करेगी. जबकि भाजपा की जीत विपक्ष को हराने पर एक संदेश स्थापित करेगी. इस उपचुनाव में मुख्य टक्कर बीजेपी और सपा-रालोद गठबंधन के बीच है. 2024 के आम चुनाव से पहले इस उपचुनाव को बतौर मनोवैज्ञानिक युद्ध देखा जा रहा है. 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का केंद्र रहाखतौली कस्बा भाजपा के अंदर रहा है. हालांकि इस बार सपा-रालोद गठबंधन सत्तारूढ़ दल को कड़ी चुनौती दे रहा है.
खतौली विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यह मुजफ्फरनगर शहर से 25 किमी दक्षिण में स्थित है. इस उपचुनाव से कांग्रेस और बीएसपी दूर है जिस कारण बीजेपी और सपा-रालोद के बीच सीधी टक्कर रहेगी।2013 के दंगों के एक मामले में जिला अदालत ने बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को दोषी करार दिया था. जहां विधायक जी को दो साल कैद की सजा सुनाई थी, इस वजह से इस सीट पर उपचुनाव करवाए जा रहे हैं. चार बार के विधायक और रालोद उम्मीदवार मदन भैया भी इस बार मैदान में है. मदन भैया ने 15 साल पहले जीता था. गाजियाबाद के लोनी से 2012, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में उन्हें लगातार तीन बार हार मिली. ऐसे में ये उपचुनाव उनके लिए भी काफी मायने रखते हैं.