लखीमपुर। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को कई दिन हो गए हैं लेकिन अब भी मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. लखीमपुर की एडीजे फर्स्ट कोर्ट ने मंगलवार को आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों पर आरोप तय कर दिए हैं और इसके मुताबिक आशीष पर आईपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट […]
लखीमपुर। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को कई दिन हो गए हैं लेकिन अब भी मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. लखीमपुर की एडीजे फर्स्ट कोर्ट ने मंगलवार को आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों पर आरोप तय कर दिए हैं और इसके मुताबिक आशीष पर आईपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट की धारा में आरोप तय हुए हैं. अब इस मामले में 16 दिसंबर से ट्रायल शुरू हो जाएगा और उसी दिन से मुक़दमे को लेकर गवाही भी शुरू हो जाएगी. यानी अगर आरोप साबित हो जाते हैं तो कोर्ट में आशीष मिश्रा को सज़ा भी सुनाई जा सकती है.
बता दें कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा हो गई थी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उसके इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था. इस घटना में चार किसान की मौत हो गई थी, वहीं जब से हिंसा भड़की तो कुल 8 लोगों की जान चली गई. इसी मामले में आशीष मिश्रा उर्फ़ मोनू के खिलाफ आज आरोप तय किए गए हैं.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा उर्फ़ मोनू समेत कुल 14 अभियुक्तों पर आरोप तय कर लिए गए हैं, वहीं जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट में आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों ने याचिका भी दायर की थी जबकि इनमें से सिर्फ एक अभियुक्त ने प्रार्थना पत्र नहीं दिया था. आज मामले में आरोप तय किए गए हैं और अब सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तारीख दी गई है. 16 दिसंबर से मामले का ट्रायल शुरू हो जाएगा.
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