नई दिल्ली: ये लड़ाकू विमान पालयट के बिना भी अटैक कर सकता है. यही वजह है कि इसे डिजिटल बॉम्बर कहा जा रहा है. यह विमान दुनिया में कहीं भी हमला करने में सक्षम है। खतरनाक लड़ाकू विमान बी-21 रेडर अमेरिका ने दुनिया का सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान बी-21 रेडर को बनाने में सफल हो […]
नई दिल्ली: ये लड़ाकू विमान पालयट के बिना भी अटैक कर सकता है. यही वजह है कि इसे डिजिटल बॉम्बर कहा जा रहा है. यह विमान दुनिया में कहीं भी हमला करने में सक्षम है।
अमेरिका ने दुनिया का सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान बी-21 रेडर को बनाने में सफल हो गया है. अमेरिकी वायु सेना का ये एयरक्राफ्ट दुनिया के किसी भी हिस्से में लड़ने में सक्षम है. इसे बनाने वाली कंपनी के अनुसार अमेरिका जल्द ही 100 बी-21 रेडर लड़ाकू विमानों को अपने समूह में शामिल कर सकता है. ये दुनिया की सबसे एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वाला विमान कहा जा रहा है. इसके सामने राफेल भी दूर-दूर तक नहीं ठहरता है. इसके लॉन्च होने के साथ ही दुनिया के हर कोने में इसकी चर्चा शुरू हो गई है।
अमेरिका के बी-21 लड़ाकू विमान में खास तरह की टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है, जिसका इस्तेमाल पनडुब्बियों के अलावा खास प्रकार के विमानों में किया जाता है. यही वजह है कि इसे दुनिया का कोई भी रडार पकड़ नहीं सकता है. इस विमान को बनाने वाली कंपनी ने 8000 साइंटिस्टों की टीम बनाई. इसके बाद इतने सारे दिमागों का प्रयोग करके ये खतरनाक विमान तैयार किया है.
बी-21 रेडर एयरक्राफ्ट की रफ्तार गजब की है. ये एक घंटे में 3600 किलोमीटर की दूरी तय करने में सफल है. ये दुनिया का सबसे महंगा विमान है जिसकी करीब 16 हजार करोड़ रुपये है. इस विमान में क्लाउड तकनीक का प्रयोग किया गया है. यानी दुश्मन के हमले में इस विमान को अगर नुकसान भी पहुंचता है तो इसका डाटा बिल्कुल सिक्योर रहेगा. इस विमान में जरूरत के हिसाब से इसे भविष्य में नए सॉफ्टवेयर को लगाकर अपग्रेड किया जा सकता है. ये लड़ाकू विमान पालयट के बिना भी अटैक कर सकता है. यही वजह है कि इसे डिजिटल बॉम्बर कहा जा रहा है।
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