नई दिल्ली : बीते 2 महीनों से या कहें उससे अधिक समय से ईरान और बाकी दुनिया में भी महिलाओं को लेकर सख्त ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. जहां इस लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद अब ईरान सरकार ने ईरान की नैतिकता (मोरैलिटी) पुलिस की इकाइयों को भंग कर दिया है. […]
नई दिल्ली : बीते 2 महीनों से या कहें उससे अधिक समय से ईरान और बाकी दुनिया में भी महिलाओं को लेकर सख्त ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. जहां इस लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद अब ईरान सरकार ने ईरान की नैतिकता (मोरैलिटी) पुलिस की इकाइयों को भंग कर दिया है. जानकारी के अनुसार “नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से अब कोई लेना-देना नहीं है. जिसे अब ख़त्म कर दिया गया है. इस में कही ना कहीं हिजाब कानूनों के विरोध में किए जाने वाले प्रदर्शन की जीत हुई है.
देश के अटॉर्नी जनरल ने एक धार्मिक सम्मेलन में ये बयान दिया है. उनसे जब पूछा गया कि “नैतिकता पुलिस को बंद क्यों किया जा रहा है”. इस पर उन्होंने बताया कि इसे अब देश भर में बंद किया जा रहा है. “मार्गदर्शन गश्ती” के रूप में जाने जानी वाली नैतिकता पुलिस- जिसे गश्त-ए इरशाद भी कहा जाता है. राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद द्वारा “विनम्रता और हिजाब की संस्कृति को फैलाने” के लिए स्थापित की गई थी. 2006 में इस पुलिस इकाइयों ने गश्त शुरू की थी. इस दौरान
नैतिकता पुलिस को भंग करने की घोषणा होने के एक दिन बाद जफ़र मोंटाज़ेरी ने बताया कि “संसद और न्यायपालिका दोनों (इस मुद्दे पर) काम कर रहे हैं”. इसका मतलब ये हुआ कि ईरान सरकार अब महिलाओं को लेकर बनाए गए सख्त हिजाब कानूनों की अनिवार्यता और आवश्यकता को लेकर विचार कर रही है. बता दें, कुछ ही दिनों पहले खबर आई थी कि ईरान सरकार सख्त हिजाब कानून को लेकर विचार कर रही है. ऐसे में कहीं ना कहीं प्रदर्शनकारियों की जीत मानी जा रही है.
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