नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी पूरे भारत में अपनी खोई हुई साख को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उसके पुराने नेता उसे छोड़कर नए राजनैतिक दलों में शामिल होते जा रहे हैं। अगस्त महीने में ही कांग्रेस पार्टी से जयवीर शेरगिल ने किनारा कर लिया था, लेकिन किसी राजनैतिक दल […]
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी पूरे भारत में अपनी खोई हुई साख को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उसके पुराने नेता उसे छोड़कर नए राजनैतिक दलों में शामिल होते जा रहे हैं। अगस्त महीने में ही कांग्रेस पार्टी से जयवीर शेरगिल ने किनारा कर लिया था, लेकिन किसी राजनैतिक दल के साथ नहीं जुड़े।
जयवीर शेरगिल को भाजपा ने बड़ी ज़िम्मेदारी देते हुए उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया है। इससे पहले वह कांग्रेस के मुद्दों को विभिन्न मीडिया संस्थानों के माध्यम से जनता तक पहुँचाते थे। बतौर प्रवक्ता उनका लहजा हमेशा तेज़तर्रार रहा है। जयवीर शेरगिल कांग्रेस पार्टी के सबसे युवा प्रवक्ता थे और उनकी भाषा शैली बेहद शानदार थी। जयवीर शेरगिल ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ते हुए कुछ बयान भी दिए थे जिसमें उन्होंने पार्टी की कार्यशैली की ख़ामियों का ज़िक्र किया था और बताया था कि पार्टी के कुछ के लोगों में चाटुकारिता की भावना बहुत ज़्यादा हावी हो गई थी, चाटुकारिता की यही बुराई कांग्रेस पार्टी को दीमक की तरह खा रही है। अगर किसी संगठन में कोई ऐसी समस्या है तो वह उस संगठन को कमज़ोर कर देता है।
तत्कालीन कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर जयदीप शेरगिल ने पार्टी की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस पार्टी के कई नेता महज़ अपने हितों को साधने में ही लगे हुए हैं और जनता के हितों की रक्षा के लिए कोई काम नहीं हो रहा है। उनके इस्तीफ़े और भाजपा से जुड़ने को कांग्रेस पार्टी की ख़ामी के तौर पर देखा जा रहा है।
जसदीप शेरगिल को भाजपा में शामिल करवाने के बाद पार्टी ने अपने संगठन को ध्यान में रखते हुए अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को पंजाब की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया है।
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