नई दिल्ली. इन दिनों राजधानी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को भी राजधानी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. दिल्ली एनसीआर में रात करीब 9.30 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. भूकंप क्यों आता है? जानें वजह दरअसल में पृथ्वी के […]
नई दिल्ली. इन दिनों राजधानी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को भी राजधानी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. दिल्ली एनसीआर में रात करीब 9.30 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए.
दरअसल में पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटलेट्स हैं। यह सभी प्लेटलेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जिस जगह पर ये प्लेटलेट्स टकराती है उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है। जब उनमें टकराव होता है तो उसके कोने मुड़ने लगते हैं। दबाव जब बढ़ जाता है तो ये प्लेटलेट्स टूटने भी लगती हैं। उनके टूटने के कारण पैदा हुई ऊर्जा बाहर निकलती है और भूकंप आता है।
भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग के कारण भी भूंकप आता है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। अगर स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता होती है तो इसे हल्का भूकंप माना जाता है, वहीं तीव्रता 6 से अधिक होती हे तो इसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है।
बता दें कि भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। ये लहर सैकड़ों किलोमीटर तक फैली होती है, जिससे कंपन होता है और धरती में दरारें पड़ जाती हैं। भूकंप का असर अगर कम गहराई पर होता है तो उससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी नजदीक होती है, जिससे तबाही ज्यादा होती है।
एक अनुमान के मुताबिक हर साल दुनियाभर में करीब 20 हजार भूकंप के झटके दर्ज किए जाते हैं। हालांकि कुछ दावे ऐसे भी हैं कि ये भूकंप के झटके हजारों में नहीं बल्कि लाखों में होते हैं लेकिन इनमें ज्यादातर काफी हल्के होते हैं इसीलिए ये सिस्मोग्राफ पर दर्ज नहीं हो पाते हैं।
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