जयपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश से निकलते हुए राजस्थान का रुख करेगी। भले ही इस यात्रा को गैरराजनीतिक कहा जा रहा हो लेकिन इस यात्रा मे ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसे राजनीति से जोड़कर न देखा जाए। राजस्थान पहुंचने से पहले ही सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग जोर-शोर […]
जयपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश से निकलते हुए राजस्थान का रुख करेगी। भले ही इस यात्रा को गैरराजनीतिक कहा जा रहा हो लेकिन इस यात्रा मे ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसे राजनीति से जोड़कर न देखा जाए। राजस्थान पहुंचने से पहले ही सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग जोर-शोर से उठ रही है। जबकि यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर संयम बरतने को कहा गया है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पायलट और गहलोत में अभी भी खींचतान जारी है। राहुल गांधी की यात्रा का अधिकतर रूट हाड़ौती से होकर गुजरेगा। झालावाड़ा मे प्रवेश करने से पहले यह यातरा बूंदू, सवाई माधोपुर और दौसा होते हुए अलवर की ओर कूच करेगी। इस यात्रा के बीच में हाड़ौती होते हुए गुजरना पड़ेगा। हाड़ोती गुर्जर एवं मीणा बहुल क्षेत्र है। इन दोनों ही क्षेत्रों में सचिन पायलट के भारी मात्रा में समर्थक मौजूद है जो उन्हे मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राजस्थान मे अलग-अलग कमेटियों की जिम्मेदारी अशोक गहलोत के ऊपर ही है। यात्रा कै दौरान सभी प्रकार की व्यवस्थाओं को संभालने ममें प्रमोद जैन भाया समेत अशोक गहलोत के सभी नज़दीकी लोग शामिल हैं। 5 दिसंबर तक यात्रा झालावाड़ की सीमा में प्रवेश कर सकती है।
राहुल गांधी की इस यात्रा को राजनीतिक रंग देने एवं महात्वाकांक्षाओं को लेकर सभी नेता अपनी छवि बनाने में जुट गए हैं। अपने समर्थित नेताओं के पोस्टर और होर्डिंग्स लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
अशोक गहलोत को पूरी उम्मीद है कि, उनके गुट में 102 विधायक है जबकि हकीकत इससे परे है। गहलोत गुट के ऐसे काफी नेता हैं जो सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अड़े हुए हैं। इनमें मुख्य नाम राज्यमंत्री राजेन्द्र गुढ़ा, अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष खीलाड़ीलाला बैरवा, वाजिब अली, परसराम मोरदिया, वीरेंद्रे सिंह, दिव्या मदेरणा सहित तमाम विधायक लगातार सचिन पायलट पर भरोसा जता रहे हैं।