सीरियन शरणार्थियों की गुहार, अब ज़िल्लत और दर्द नहीं सहा जाता

सीरिया में जारी गृह युद्ध के कारण सीरियन शरणार्थी की समस्या उलझती ही जा रही है. हंगरी में शरणार्थी बच्चों पर लाठी चार्ज, क्रोएशिया का शरणार्थियों के लिए रास्ता बंद करना, ठंड और बरसात में शरणार्थी का कई दिनों तक भूखे-प्यासे खड़े रहने के बाद अब शरणार्थियों की हिम्मत टूट रही है. यूनिसेफ के एक वीडियो में 15 साल की एक सीरियन शरणार्थी शमई रोते हुए कहती हैं कि अब हमसे और दर्द नहीं सहा जाता है. हमारा घर-बार सब कुछ तबाह हो गया है. मैं जानती हूं कि इतने दिनों से कैसे मैं रह रही हूं. हमारे दर्द को दुनिया समझे.

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सीरियन शरणार्थियों की गुहार, अब ज़िल्लत और दर्द नहीं सहा जाता

Admin

  • October 27, 2015 4:49 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
ज़गरेब. सीरिया में जारी गृह युद्ध के कारण सीरियन शरणार्थी की समस्या उलझती ही जा रही है. हंगरी में शरणार्थी बच्चों पर लाठी चार्ज, क्रोएशिया का शरणार्थियों के लिए रास्ता बंद करना, ठंड और बरसात में शरणार्थी का कई दिनों तक भूखे-प्यासे खड़े रहने के बाद अब शरणार्थियों की हिम्मत टूट रही है. यूनिसेफ के एक वीडियो में 15 साल की एक सीरियन शरणार्थी शमई रोते हुए कहती हैं कि अब हमसे और दर्द नहीं सहा जाता है. हमारा घर-बार सब कुछ तबाह हो गया है. मैं जानती हूं कि इतने दिनों से कैसे मैं रह रही हूं. हमारे दर्द को दुनिया समझे.
 

A Syrian refugee girl pleads for dignity

“We just need somebody to understand us.” Syrian refugee Shaimae, 15, on the Serbia-Croatia border.

Posted by UNICEF on Tuesday, October 20, 2015

 
20 लाख बच्चों को शरणार्थी बनने के लिए होना पड़ा मजबूर 
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, यूरोपीय देशों की ओर जाने वाले शरणार्थियों की संख्या लाखों के ऊपर पहुंच चुकी है. ज्यादातर शरणार्थी युद्धग्रस्त सीरिया, इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान से आ रहे हैं. सीरिया गृह युद्ध के कारण करीब 20 लाख बच्चों को शरणार्थी बनने के लिए मजबूर होना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ हर दिन पहुंचने वाले  शरणार्थियों की संख्या क़रीब आठ हज़ार हो गई है. 
 
शरणार्थियों की संख्या ने सारे रिकॉर्ड स्तर तोड़े
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, यूरोप में 2015 में आने वाले शरणार्थियों की संख्या ने रिकॉर्ड स्तर पार कर लिया है. एक अंतरराष्ट्रीय संस्था के अनुसार, यूरोप में सिर्फ 2015 में ही अब तक 6 लाख 50 हज़ार शरणार्थी पहुंच चुके हैं, जबकि पिछले साल 2 लाख 80 हज़ार शरणार्थी आए थे. इसके अलावा यूएनएचआरसी ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में समुद्र के रास्ते पहुंचने वाले शरणार्थियों की संख्या इस साल दोगुनी हो चुकी है. समुद्र के रास्ते आने के कारण करीब  3,315 प्रवासियों की मौत भी हो चुकी है.
 
यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि बालकांस में कर रहे इमरजेंसी मीटिंग 
सीरियन शरणार्थी समस्या  का हल निकालने के लिए यूरोपीय देशों के कई प्रतिनिधि बालकांस में इमरजेंसी मीटिंग कर रहे हैं. बैठक में  इस बात पर चर्चा हो रही है कि प्रवासियों को रास्ता देने से पहले हर देश को अपने पड़ोसी देश से सहमति लेकर समझौता करना होगा. 
 
हंगरी पुलिस ने दिखाई बर्बरता, शरणार्थियों के बच्चों को परिवार से किया अलग
हंगरी पुलिस के अनुसार, इस कार्रवाई में करीब 14 पुलिस वाले घायल हुए हैं. इन विरोध प्रदर्शनों के बीच हंगरी पुलिस ने कई शरणार्थियों के बच्चों को उनके परिवार से अलग कर दिया. हंगरी और सर्बिया की सीमा पर बने शरणार्थी शिविर और शिविरों के बाहर सैकड़ों शरणार्थी फंसे हुए हैं. हंगरी की पुलिस ने बुधवार को गैरकानूनी तरीके से घुसने वाले 367  शरणार्थीयों को गिरफ्तार कर लिया है.  
 
क्रोएशिया ने किया शरणार्थियों के लिए रास्ता बंद
डेली मेल में छपी खबर के मुताबिक़, ऑसटेजिक का कहना है कि उनका देश पूरी तरह से भरा हुआ है. क्रोएशिया में शरणार्थियों के लिए कोई जगह नहीं है. यहां से कोई भी सड़क जर्मनी नहीं जाती. यहां से कोई भी बस नहीं जाएगी. सभी सर्बिया में जाकर कैम्पों में रहें. इसी बीच, हंगरी के विदेश मंत्री पीटर स्ज़िजारतो ने क्रोएशिया पर हमला बोलते हुए कहा है कि क्रोएशिया शरणार्थियों को हंगरी की तरफ न धकेले. क्रोएशिया यूरोपीय यूनियन के नियमों का उल्लंघन कर रहा है. अभी भी हजारों शरणार्थी तपती धूप में, भूखे-प्यासे यूरोप में घुसने के इंतजार में हैं. कई बसें अभी भी क्रोएशिया की सीमा में कतारों में खडी हुई हैं.

 

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