नई दिल्ली। नेपाल के संसदीय चुनावों परिणाम आने के बाद एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। 60 मंत्रियों समेत कई वरिष्ठ नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। इन चुनावों मे युवाओं ने बाज़ी मारते हुए नेपाल की राजनीति मे बड़ा उलटफेर कर दिया है। क्या हुआ नेपाल में? संसदीय चुनावों के परिणाम […]
नई दिल्ली। नेपाल के संसदीय चुनावों परिणाम आने के बाद एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। 60 मंत्रियों समेत कई वरिष्ठ नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। इन चुनावों मे युवाओं ने बाज़ी मारते हुए नेपाल की राजनीति मे बड़ा उलटफेर कर दिया है।
संसदीय चुनावों के परिणाम ने नेपाल की राजनीति में बड़ा भूचाल लाकर रख दिया है। इस परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि, नेपाल की कमान अब युवाओं के हाथ में होगी। हम आपको बता दें कि, नेपाल के संसदीय चुनावों के परिणाम सामने आ चुके हैं। इन चुनावों के परिणाम में बहुत से मंत्रियों समेत 60 संसादों एवं वरिष्ठ नेताओं के हिस्से में हार आई है।
बड़ा उलटफेर करते हुए इन चुनावों मे युवा नेताओं ने राजनीति के इस युद्ध मे बाज़ी मारी है। नेपाल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि, संसदीय चुनाव के लिए प्रत्यक्ष मतदान के नतीजे घोषित किया जाना अभी बाकी है। नेपाल के शीर्ष राजनीतिक दलों ने अब नई सरकार के गठन के लिए अपनी कोशिशें तेज़ कर दी हैं।
नेपाल के इस उलटफेर में मधेस(तराई) क्षेत्र आधारित दलों के दो वरिष्ठ नेता चुनाव हार गए। समाजवादी पाट्री के प्रमुख उपेंद्र यादव और लोकतात्रिक समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र महतो का नाम शामिल है।
वहीं दूसरी ओर नेपाल की सबसे बड़ी पार्टी कम्युनिस्ठ पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट) सीपएन यूएमएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वर पोखरेल, उपाध्यक्ष सुरेंद्र पांडे, महासचिव शंकर पोखरेल और उप महासचिव प्रदीप गयावली शामिल हैं।
वहीं हार का सामना करने वाले वरिष्ठ एवं शीर्ष नेताओं की सूची में सीपीएन माओइस्टर-सेंटर के महासचिव देव गुरुंग, उप महासचिव और ऊर्जा मंत्री पम्पा भुशाल और उम महासचिव गिरिराजमणि पोखरेल शामिल हैं।