रसना के संस्थापक का निधन, ऐसे ही एक हादसे ने छीन ली थी ‘रसना गर्ल’ की ज़िंदगी

नई दिल्ली. रसना के संस्थापक और चेयरमैन आरिज पिरोजशॉ खंबाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे, कंपनी ने इस बात की जानकारी दी है. रसना समूह की ओर से इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा गया है कि 85 वर्षीय खंबाटा का शनिवार को निधन हो गया. बता दें कि आरिज खंबाटा […]

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रसना के संस्थापक का निधन, ऐसे ही एक हादसे ने छीन ली थी ‘रसना गर्ल’ की ज़िंदगी

Aanchal Pandey

  • November 22, 2022 6:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. रसना के संस्थापक और चेयरमैन आरिज पिरोजशॉ खंबाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे, कंपनी ने इस बात की जानकारी दी है. रसना समूह की ओर से इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा गया है कि 85 वर्षीय खंबाटा का शनिवार को निधन हो गया. बता दें कि आरिज खंबाटा बेनेवॉलेंट ट्रस्ट और रसना फाउंडेशन के भी चेयरमैन थे और रसना ग्रुप के मुताबिक, खंबाटा ने भारतीय उद्योग, कारोबार और समाज सेवा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया था. इसके अलावा, वे पारसी संगठन WAPIZ के पूर्व अध्यक्ष और अहमदाबाद पारसी समुदाय के भी पूर्व अध्यक्ष थे.
खंबाटा के जाने से लोगों के जहन में रसना की धूमिल होती याद भी फिर से ताजा हो आई है. वैसे तो रसना आज भी लोग बहुत पसंद करते हैं, लेकिन इस ड्रिंक और टीवी, रेडियो पर आने वाले इसके ऐड से 90s के लोगों की काफी यादें जुड़ी हैं, जो खंबाटा के निधन के बाद ताज़ा हो गई हैं.

कहाँ गई रसना गर्ल

गर्मियों के मौसम में हर बच्चा रसना पीने के लिए भागता था और तब उसके ज़हन में एक ही लाइन रहती थी- ‘आई लव यू रसना…’ उस समय टीवी पर आने वाले रसना के ऐड को लोग रिपीट किया करते थे. वो मौसम अब बीत गए हैं, शायद ही 90’s का कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने रसना न पी हो. अगर ये बात मान भी ली जाए कि आपने कभी रसना न पीया हो लेकिन ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि आपने इसका ऐड न देखा हो. उस दौरान बच्चों के लिए आई लव यू रसना का जिंगल ही एक गाना हुआ करता था जिसे वो बहुत पसंद करते थे. और साथ ही, ऐड में आने वाली वो छोटी-सी बच्ची तरुणी सचदेव सभी को प्यारी लगती थी. लेकिन, दुर्भाग्य से तरुणी अब इस दुनिया में नहीं है. ‘रसना गर्ल’ के नाम से मशहूर तरुणी को लोग आज भी याद करते हैं, तरुणी की जब मौत हुई थी तब तो मेगास्टार अमिताभ बच्चन तक की आंखें नम हो गई थी.

14 साल की उम्र में दुनिया को कहा था अलविदा

ज़िन्दगी के साथ कब क्या हो जाए इस बारे में कोई नहीं जानता. तरुणी के साथ भी ऐसा ही हुआ जैसे ही उसने अपने सपनों ने उड़ान भरनी शुरू की वैसे ही उसकी मौत हो गई. उसके पास वक्त ही नहीं था कि वो देख सके कि उसके सपने पूरे होते कैसे दिखते हैं. 14 मई 2012 को तरुणी ने आखिरी सांस ली, नेपाल से आ रहे विमान के क्रैश होने के चलते उसकी मौत हो गई, इस फ्लाइट में तरुणी अकेली नहीं थी, फ्लाइट में उसके साथ उनकी मां भी मौजूद थीं. तरुणी और उनकी मां गीता सचदेव भी इस हादसे में दुनिया को अलविदा कह चली गई. अब संयोग की बात है कि 14 मई को ही तरुणी का जन्मदिन भी होता है, जिस दिन उन्होंने जन्म लिया, उसी दिन हमेशा के लिए माँ और बेटी की आँखें मूँद गई.

 

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