नई दिल्ली : आज से करीब 200 साल पहले यदि आपसे कोई कहता कि आपके हाथ में एक ऐसा डिवाइस होगा जिससे आप मीलों दूर किसी को देख सकेंगे तो आप इस बात पर यकीन नहीं कर पाते. अगर आपसे कोई कहता कि आज से कुछ सालों में आप भी पंछियों की तरह उड़ पाएंगे […]
नई दिल्ली : आज से करीब 200 साल पहले यदि आपसे कोई कहता कि आपके हाथ में एक ऐसा डिवाइस होगा जिससे आप मीलों दूर किसी को देख सकेंगे तो आप इस बात पर यकीन नहीं कर पाते. अगर आपसे कोई कहता कि आज से कुछ सालों में आप भी पंछियों की तरह उड़ पाएंगे और मछलियों की तरह तैर पाएंगे तो भी शायद आपको यकीन नहीं होता. लेकिन आज साइंस की मदद से इंसान ने इतनी तरक्की कर ली है कि वह कुछ भी नामुमकिन नहीं समझता है. इसी तरह कि एक और नामुमकिन चीज़ को लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के साइंटिस्ट ने दावा किया है.
दरअसल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि आज से महज कुछ ही सालों बाद इंसान चंद्रमा की सतह पर रहने लगेंगे. उन्होंने साल 2030 को इसके लिए संभावित साल बताया है. होवार्ड हू का कहना है कि अगले सात से आठ सालों में चंद्रमा की सतह पर इंसानों को भेज दिया जाएगा. ये लोग चांद पर जाकर वहाँ साइंटिफिक प्रयोग करेंगे. सभी लोगों को आर्टेमिस-1 (Artemis-1) मिशन के तहत भेजा जाएगा. चंद्रमा की तरफ ओरियन स्पेसक्राफ्ट को छोड़कर इस मिशन को अंजाम दिया जाएगा.
गौरतलब है कि हाल ही में नासा ने अपने ताकतवर स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट के जरिए ओरियन स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा की ओर भेजा है. फिलहाल ये ओरियन चंद्रमा के चारों ओर चक्कर काट रहा है. पिछले हफ्ते ही कई बार टलने के बाद इसे लॉन्च कर दिया गया. नासा चंद्रमा की ओर से करीब 50 साल के बाद किसी इंसानी मिशन की शुरुआत की गई है. फिलहाल ओरियन स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है उसमें कोई इंसान नहीं है. इसी स्पेसक्राफ्ट में इंसानों को चंद्रमा पर भेजा जाएगा। बता दें, साल 1972 में पहली बार इंसानों को चांद पर भेजा गया था. इसके बाद कोई भी इंसान वहाँ नहीं गया है. इस मिशन में महिलाएं भी शामिल होंगी.