Zakir Naik: कतर में चल रहे FIFA वर्ल्ड कप में विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक को आमंत्रित किया गया है. जाकिर नाइक भारतीय इस्लामिक स्पीकर है जिसे देश ने साल 2017 में भगोड़ा घोषित कर दिया था. भारत में जाकिर नाइक पर प्रतिबंध लगा हुआ है. यही नहीं देश में जाकिर नाइक के खिलाफ गिरफ्तारी […]
Zakir Naik: कतर में चल रहे FIFA वर्ल्ड कप में विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक को आमंत्रित किया गया है. जाकिर नाइक भारतीय इस्लामिक स्पीकर है जिसे देश ने साल 2017 में भगोड़ा घोषित कर दिया था. भारत में जाकिर नाइक पर प्रतिबंध लगा हुआ है. यही नहीं देश में जाकिर नाइक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी है. इन सब के बीच जाकिर नाइक कई सालों से भारत नहीं आया है.
भारत से बैन होने के बाद जाकिर ने मलेशिया को अपना ठिकाना बनाया. लेकिन यहाँ से भी उसे भड़काऊ भाषण देने के आरोप में बैन कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक, भारत छोड़ने के बाद जाकिर कभी हिन्दू धर्म-समाज तो कभी मोदी सरकार की आलोचना करके चर्चे में रहा.
जाकिर का पूरा नाम जाकिर अब्दुल करीम नाइक (Zakir Abdul Karim Naik) है. जाकिर का जन्म 18 अक्टूबर 1965 को मुंबई में हुआ. बताया जाता है कि कम उम्र में ही जाकिर को कुरान की आयतें मुँह-जबानी याद हो गई थी. स्कूली तालीम हासिल करने के बाद जाकिर ने टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज (Topiwala National Medical College) से डॉक्टरी की पढ़ाई की. जिसके बाद साल 1991 में जाकिर नाइक ने एक इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की.
दावा किया जाता है कि इस फाउंडेशन का हदफ़ मुस्लिमों और गैर-मुस्लिमों को इस्लाम की जानकारी देना है लेकिन कुछ वक्त बाद इसे लेकर हिन्दू धर्म को लेकर मजाक उड़ाने व लोगों को धर्म के तहत भड़काने की बात का खुलासा हुआ. जानकारी के लिए मालूम करा दें, जाकिर अब्दुल करीम नाइक भड़काऊ भाषण देने के आरोप में भारत समेत मलेशिया, यूके, कनाडा, श्रीलंका और बंगलादेश जैसे 5 देशों में बैन है.
कभी हकलाकर बात करने वाले जाकिर ने एक वक्त के बाद अपनी इस्लामिक द धर्मगुरु बनने के रास्ते पर चल पड़ा. इसके पीछे की बड़ी वजह साउथ अफ्रीका के उपदेशक अहमद दीदत। जी हां, जाकिर नाइक साउथ अफ्रीका के उपदेशक अहमद हुसैन दीदात से कुछ इस कदर प्रभावित हुआ कि डॉक्टरी को छोड़ इस्लाम का प्रचारक बन बैठा। जाकिर नाइक के पिता का नाम अब्दुल करीम नाइक है. जाकिर ने अपने पिता की मदद से मुंबई के डोंगरी में एक इस्लामिक स्कूल की शुरुआत की. बता दें, अब्दुल करीम नाइक की जान-पहचान महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अब्दुल रहमान अंतुले से रही है.
इसके बाद जाकिर नाइक ने एक इस्लामिक स्कूल नहीं बल्कि तमाम मदरसे खोले और 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की. इसके बाद जाकिर मुस्लिम युवाओं को अपने मजहब के साथ कट्टरता की ट्रेनिंग देने लगा.
ख़बरों के मुताबिक, जाकिर के इस्लामिक फाउंडेशन को विदेशों से जकात के तौर पर खूब पैसा मिलता है. जाकिर की एक बीवी है जिसका नाम फरहत नाइक है. फरहत स्कूल में महिला विंग की हेड है.
जाकिर नाइक एक कट्टर सोच से ताल्लुक रखता है. यही नहीं, इसी कट्टर सोच के साथ जाकिर ने दूसरे धर्मों का मजाक उड़ाकर इस्लाम से करीबी बढ़ाई. जाकिर के इतना चर्चित होने के पीछे भी यही वजह सामने आती है. जाकिर को दुनियाभर से काफी जकात मिलता गया और भारत समेत अन्य देशों में जाकिर नाइक का दायरा बढ़ता गया. इसी तरह के दौलत के साथ उसकी शोहरत में भी बेशुमार इजाफा हुआ. सूत्रों के अनुसार, मुंबई के बेहद पॉश इलाके नेपियंसी रोड पर जाकिर नाइक की बेहद ही आलिशान कोठी है.
अपने नाम और शोहरत के दायरे को और ज्यादा बढ़ाने के लिए जाकिर ने पीस टीवी (Peace TV) नाम से एक चैनल की शुरुआत की. दुनिया के तमाम हिस्सों में इस चैनल का प्रसारण हुआ. इसी चैनल के जरिए जाकिर ने दुनिया के कई हिस्सों में अपनी वाकफियत को आगे बढ़ाया। एक अरसा ऐसा आया जब जाकिर खुद को इस्लाम का स्कॉलर कहने लगा. इसके बाद धीरे-धीरे कई इस्लामिक देशों से जाकिर नाइक को मिलने लगी और उसने खुद को अवाम के आगे एक इस्लामिक धर्म गुरु के तौर पर पेश किया।
देश में जाकिर नायक का भाषण लोगों को भड़काने वाला रहा हैं. महज कुछ पलों में वह अपनी बातों से लोगों का ब्रेन वाश कर उनसे इस्लाम कबूल करवा लेता था. जाकिर नाइक ने कई सारे लोगों को कट्टर भाषण देकर उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए प्रेरित किया है. भारत से भागने के बाद भी मलेशिया में उसने बयान दिया था कि दुनिया के तमाम मुस्लिम देश मिलकर पैगंबर मोहम्मद की आलोचना करने वाले भारत के गैर मुस्लिमों को मलेशिया में आने पर जेल में डलवा दें.
बता दें, ढाका हमले से जुड़े आतंकियों से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि वह सभी जाकिर नायक की स्पीच को सुनते थे और उससे काफी प्रभावित थे. इस बात के सामने आते ही मामले की जांच शुरू हुई थी. जिसके बाद कुछ साल पहले हैदराबाद से NIA की छापेमारी में गिरफ्तार हुए IS के संदिग्धों ने भी पूछताछ में खुलासा किया था कि वह सब जाकिर के भाषणों से इंस्पायर हुए थे.