नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में बड़ा अनुमान लगाते हुए नज़र आ रहे हैं। उन्होने चुनावी आकलन के जरिए गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की सीटों को सुनिश्चित कर दिया है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा चुनावों मे लिखित दावा […]
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में बड़ा अनुमान लगाते हुए नज़र आ रहे हैं। उन्होने चुनावी आकलन के जरिए गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की सीटों को सुनिश्चित कर दिया है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा चुनावों मे लिखित दावा किया था, और चौंकाने वाली बात यह है कि, उनके सभी दावे सही साबित हुए थे। गुजरात विधानसभा चुनावों में भी उन्होने बताया है कि, कांग्रेस को कितनी सीटें प्राप्त होंगी।
आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों मे अरविंद केजरीवाल ने कदम रखकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है, अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी ने सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को भी लोहे के चने चबवा दिए हैं। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की तरह गुजरात चुनावों में भी अपने दावे करने का दौर जारी रखा है। उन्होने गुजरात विधानसभा चुनावों में बताया है कि, कांग्रेस को कितनी सीटें मिलने वाली हैं। उन्होने कहा है कि, कांग्रेस को ज़्यादा से ज़्यादा पांच सीटों पर जीत हासिल हो सकती है।
अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा चुनावों में लिखित रूप से दावा बड़ा दावा किया था। जब कांग्रेस के द्वारा भगवंत मान के हारने की चर्चाएं हो रहीं थीं तब अरविंद केजरीवाल ने कहा था की भगवंत मान 51 हजार वोटों से जीतेंगे, फलस्वरूप भगवंत मान ने कांग्रेस के दलवीर सिंह गोल्डी को 58 हज़ार से भी अधिक वोटों से परास्त किया था।
इसके अलावा केजरीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, हलका अमृतसर से बिक्रमसिंह मजीठिया एवं जलालाबाद से सुखबीर सिंह बादल के हारने का भी सटीक अनुमान लगाया था, जो कि सच भी हुआ। केजरीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के दोनों सीट से हारने की बात भी कही थी, फलस्वरूप चन्नी बरनाला जिले की भदौड़ एवं रूपनगर जिले की चमकौर साहिब सीट से चुनाव हार गए थे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि, अरविंद केजरीवाल कोई भविष्यवक्ता है, परन्तु पंजाब चुनावों के नतीजे देखकर यही लगता है कि, केजरीवाल का चुनावी गणित काफी मज़बूत है वह परिस्थिती देखकर स्थिती का पता लगाने में माहिर हैं।