नई दिल्ली : बीजेपी और कांग्रेस के बीच बतौर पक्ष और विपक्ष जंग तो छिड़ी ही रहती है लेकिन इस बार कांग्रेस से बीजेपी में आए हिमंत बिस्वा सरमा और शशि थरूर के बीच जुबानी जंग घमासान मचा रही है. कांग्रेस में हाल ही में हुए आंतरिक चुनावों के मुद्दे को लेकर दोनों नेता अब […]
नई दिल्ली : बीजेपी और कांग्रेस के बीच बतौर पक्ष और विपक्ष जंग तो छिड़ी ही रहती है लेकिन इस बार कांग्रेस से बीजेपी में आए हिमंत बिस्वा सरमा और शशि थरूर के बीच जुबानी जंग घमासान मचा रही है. कांग्रेस में हाल ही में हुए आंतरिक चुनावों के मुद्दे को लेकर दोनों नेता अब वॉर ऑफ वर्ड्स (शब्दों की जंग) पर आ गए हैं.
इस पूरे बवाल की शुरुआत असम मुख्यमंत्री हिमंत के एक ट्वीट से होती है. इस ट्वीट में उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष चुनाव को So Called यानी तथाकथित चुनाव बता दिया है. साथ ही उन्होंने उन लोगों से अनुरोध किया है जिन्होंने गांधी परिवार के खिलाफ जाकर शशि थरूर को वोट किया कि वह भाजपा में शामिल हो जाएं.
#WATCH | Those who show courage will never join the BJP, it is those who do not have the courage to fight who might be tempted to do so: Congress MP Shashi Tharoor to ANI pic.twitter.com/LUAYQ4TDRz
— ANI (@ANI) November 12, 2022
सीएम हिमंत बिस्वा के ट्वीट में लिखा हुआ है कि ‘कांग्रेस में सो कॉल्ड आंतरिक चुनाव हुए. इन चुनावों का रिजल्ट वोट की गिनती से पहले से ही डिक्लेयर था. कांग्रेस में केवल 1000 डेलीगेट ऐसे हैं जो वास्तव में लोकतांत्रिक हैं. जिन्होंने शशि थरूर को वोट डालने की हिम्मत दिखाई. मैं उम्मीद करता हूं वह सभी जल्द ही बीजेपी जॉइन करेंगे.’ मालूम हो हिमंत बिस्वा पहले कांग्रेस के नेता था. उन्होंने हाल ही में पार्ट बदलकर भाजपा कर ली है.
उनके इस ट्वीट के बाद से ट्विटर पर दोनों पार्टियों के बीच गरमा गर्मी शुरू हो गई. जहां कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर ने भी हिमंत बिस्वा के ट्वीट का जवाब दिया. इस पर शशि थरूर ने भी उन्हें उन्ही के अंदाज में कहा, ‘जिन्होंने हिम्मत दिखाई वह BJP में कभी शामिल नहीं होंगे. जिन लोगों में लड़ने की हिम्मत नहीं होती है वह ऐसा कर सकते हैं.’ उन्होंने अपना एक वीडियो शेयर किया था.
मालूम हो बीते महीने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव करवाए गए थे. इस दौरान गांधी परिवार के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे ने रिकार्ड वोटों से थरूर को हरा दिया था. हालांकि वह भी गैरगांधी अध्यक्ष ही हैं जो पूरे 2 दशक बाद पार्टी को मिला है. लेकिन शशि थरूर का वोट कोटा भी बाकी गैर गांधी उम्मीदवारों के मुकाबले काफी प्रबल रहा.
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