मुंबई. राज्यसभा सांसद संजय राउत को पात्रा चॉल घोटाला मामले में आखिरकार जमानत मिल गई, ऐसे में उद्धव गुट वाली शिवसेना की ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं है. अदालत का फैसला आते ही उद्धव ठाकरे ने संजय राउत को फोन कर शुभकामनाएं दीं औैर उनसे मुलाकात की भी बात की. हालांकि, संजय राउत हिरासत […]
मुंबई. राज्यसभा सांसद संजय राउत को पात्रा चॉल घोटाला मामले में आखिरकार जमानत मिल गई, ऐसे में उद्धव गुट वाली शिवसेना की ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं है. अदालत का फैसला आते ही उद्धव ठाकरे ने संजय राउत को फोन कर शुभकामनाएं दीं औैर उनसे मुलाकात की भी बात की. हालांकि, संजय राउत हिरासत में थे इसलिए उद्धव ठाकरे उनसे बात नहीं कर पाए, लेकिन संजय राउत तक उनका संदेश पहुँच गया है और इसके जवाब में उन्होंने शुक्रिया भी कहा है. बता दें, राउत को आज ही उन्हें स्पेशल PMLA कोर्ट ने जमानत दी है और ईडी की ओर से बेल पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है. आइए बताते हैं क्या है ये मामला और इससे संजय राउत की पत्नी और बेटी का क्या कनेक्शन है:
पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत साल 2007 से हुई, महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा, प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला किया गया, साल 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को सौंपा, यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था. म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं, जबकि रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे और म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था. लेकिन 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए.
गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन पर आरोप है कि फ्लैट बनाने की बजाए इन्होने 47 एकड़ जमीन को आठ अलग-अलग बिल्डरों को बेच दी थी, इससे कंपनी ने 1034 करोड़ रुपये कमाए थे. वहीं मार्च 2018 में म्हाडा ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. मामला आर्थिक अपराध विंग यानी EOW को सौंपा गया. EOW ने फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया, बताया जाता है कि प्रवीण राउत, संजय राउत के बहुत करीबी थे और वह एचडीआईएल में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ कंपनी में निदेशक थे. वधावन बंधु PMC बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं, हालांकि प्रवीण राउत को कोर्ट ने जमानत दे दी लेकिन पीएमसी बैंक घोटाले के मामले में प्रवीण को ईडी ने गिरफ्तार कर किया.
प्रवीण राउत को ईडी ने गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की थी, इसके बाद इस मामले में सुजीत पाटकर का नाम आया, फिर जब ईडी ने सुजीत पाटकर के ठिकानों पर छापेमारी की तो छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले. ईडी की जांच में सामने आया कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी राउत ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को एक लोन दिया था और यह लोन 55 लाख रुपये का था लेकिन बैंक में बिना कोई दस्तावेज दिए ये लोन पास हो गया. बैंक से लिए गए 55 लाख रुपयों से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा और इस फ्लैट के सिलसिले में ईडी ने वर्षा राउत से पूछताछ की.
आरोप है कि म्हाडा लैंड डील में प्रवीण राउत को कमीशन के रूप में 95 करोड़ रुपये मिले थे, और प्रवीण से पूछताछ में जिस सुजीत पाटकर का नाम सामने आया, सुजीत भी संजय राउत का करीबी माना जाता है. इसके अलावा सुजीत पाटकर की एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी है, जिसमें संजय राउत की बेटी उसकी पार्टनर है.
संजय राउत से लैंड डील में एक और लिंक जुड़ रहा है, दरअसल, संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और सुजीत पाटकर की पत्नी ने अलीबाग में एक जमीन खरीदी थी और ईडी का मानना है कि इस जमीन को खरीदने के लिए भी रुपयों की हेराफेरी की गई थी. अब ईडी सारे मामलों की जांच के बाद सारे लिंक की कडियां जोड़ने में लगी है, हालांकि संजय राउत ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है.
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