नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एच एल दत्तू ने मोदी सरकार को कानून व्यवस्था बनाएं रखने के लिए ज़रूरी कदम उठाने की नसीहत दी है. दादरी और फरीदाबाद जैसी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए दत्तू ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई हर सरकार का पहला कर्तव्य है कि वह देश में कानून का शासन को बरकरार रख.
अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए के इंटरव्यू में दत्तू ने कहा कि सरकार का काम है कि नागरिकों की विभाजनकारी तत्वों से सुरक्षा करे और यह सब बातें वर्तमान सरकार पर भी ऐसे ही लागू होती हैं. दत्तू ने कहा कि इस सरकार को भी कानून के शासन को बरकरार रखने के लिए ही जनादेश हासिल हुआ है. मेरा विश्वास है कि वह विभाजनकारी तत्वों पर लगाम कसने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है और नागरिकों को संविधान से मिले मूलभूत अधिकार सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है. हालांकि उसे मामले में और कदम उठाने की जरूरत है.
अंग्रेजी अखबार के एक इंटरव्यू चीफ जस्टिस ने कहा कि भारत ऐसा देश है, जहां कानून का शासन है, इसे सबसे अधिक महत्व देना चाहिए. अदालतों को भी कानून के शासन को बरकरार रखने के लिए हर प्रयास करना चाहिए. अदालतों को ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाना चाहिए, जिनमें घृणा के चलते किसी को पीडि़त किया गया हो. चीफ जस्टिस ने कहा कि देश की अदालतों को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाना होगा जिनके खिलाफ पुलिस ने घृणाजनित अपराधों में चार्जशीट दाखिल की हो.