नई दिल्ली। राजधानी में इन दिनों लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। दिल्ली की हवा दिनों दिन खराब होती जा रही है। आज दिल्ली का एयर क्वालिटी इनडेक्स 408 तक पहुँच गया है। हवा की इस माप को बेहद खराब व खतरनाक (हैज़र्डस) की श्रेणी में रखा जाता है। पीएम 2.5 महीन कण […]
नई दिल्ली। राजधानी में इन दिनों लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। दिल्ली की हवा दिनों दिन खराब होती जा रही है। आज दिल्ली का एयर क्वालिटी इनडेक्स 408 तक पहुँच गया है। हवा की इस माप को बेहद खराब व खतरनाक (हैज़र्डस) की श्रेणी में रखा जाता है। पीएम 2.5 महीन कण होते हैं जो 2.5 माइक्रॉन या उससे कम व्यास के होते हैं, श्वास नली में गहराई तक जा सकते हैं और फेफड़ों तक पहुंचते हैं। ये महीन कण रक्तप्रवाह में भी पहुँच सकते हैं जो एक आम इंसान के लिए काफी घातक सिद्ध होते हैं।
Air quality continues to dip in Delhi-NCR
Air Quality Index (AQI) presently at 406 in Noida (UP) in 'Severe' category, 346 in Gurugram (Haryana) in 'Very Poor' category & 350 near Delhi Airport T3 in 'Very Poor' category
Delhi's overall AQI currently at 354 (Very Poor category) pic.twitter.com/O9wGblAYqx
— ANI (@ANI) November 2, 2022
एयर क्वालिटी इण्डेक्स मेजर करने वाली वेबसाइट www.aqi.in के अनसार दिल्ली में AQI का स्तर बीते सोमवार 301, मंगलवार 297 और बुधवार को 288 तक मापा गया।
प्रदूषण के मामले में दुनिया भर के बड़े शहरों में दिल्ली और नोएडा की रैंकिंग सबसे ऊपर है।
प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे दिल्ली के लोग स्वास्थ्य संकट की आपात स्थिति से जूझ रहे है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूरे उत्तर भारत में फैल रही जहरीली दूषित हवा का जिक्र करते हुए कहा कि इसका समाधान कैसे निकलेगा? पीएम को सभी राज्यों के साथ बैठक बुलानी चाहिए और इसका समाधान खोजना चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगर मुझे गाली देने से पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की समस्या हल हो सकती है, तो मुझे 24 घंटे गालियां दें, लेकिन यह कोई समाधान नहीं है।
Pollution पूरे North India की समस्या- UP, Haryana,Rajasthan, MP सब जगह AQI लगभग बराबर। क्या Delhi-Punjab ने पूरे देश में प्रदूषण फैलाया?
PM Meeting क्यों नहीं कर रहे?
किसानों ने आंदोलन किया तो केंद्र उनकी मदद नहीं कर रही, Parali पर हमारा Proposal खारिज किया
-CM @ArvindKejriwal pic.twitter.com/LJL73DvLoy
— AAP (@AamAadmiParty) November 2, 2022
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आप पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सरकार ने दिल्ली को गैस चेम्बर में बदल दिया है। पंजाब की आप सरकार में 2021 में पराली जलाये जाने की घटना में 19 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई जबकि भाजपा संचालित हरियाणा राज्य में खेती की आग में 30.06 प्रतिशत की गिरावट आई है।
दिल्ली की जहरीली हवा के पीछे का मुख्य कारण पराली का जलाया जाना ही है। आस पास के राज्य सरकारों के हस्तक्षेप के बावजूद किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने समय-समय पर किसानों को कई विकल्प दिया ताकि प्रदूषण की समस्या से निपटा जा सके। साथ ही साथ पराली जलाने पर सख्ती दिखाते हुए जुर्माने का भी प्रावधान किया लेकिन सरकारों द्वारा किये गए सभी प्रयास किसानों पर बेअसर रहे।
दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, जब एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच पराली जलाए जाने की घटनाएं चरम पर होती हैं, तब राजधानी में लोग सबसे खराब हवा में सांस लेते हैं।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, हवा उत्तर-पश्चिमी हो चुकी हैं. जिसकी वजह से पराली का धुआं राजधानी दिल्ली पहुंच रहा है। बीते साल की अपेक्षा पंजाब में पराली जलाये जाने की घटनाओं में इस साल थोड़ी कमी भी आई है। पराली के प्रदूषण नें राजधानी को 26 प्रतिशत तक प्रभावित किया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने बुधवार को पंजाब में पराली जलाने की 3,634 घटनाओं की सूचना दी और इससे पहले घटनाओं की संख्या मंगलवार को 1,842, सोमवार को 2,131, रविवार को 1,761, शनिवार को 1,898 और शुक्रवार को 2,067 थी।
प्रदूषण की समस्या को देखते हुए बीते दिनों दिल्ली सरकार ने पटाखों के इस्तेमाल पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लागा दिया था। बावजूद इसके दिवाली के अगले दिन दिल्ली की सड़को पर पटाऱखों के अवशेष मिले थे जो सोशल माडिया पर खूब वायरल भी हुए। दीवाली की शाम नोएडा का AQI बहुत खराब यानी 342 मापा गया था।
सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने बुधवार को जानकारी साझा करते हुए बताया है कि दीवाली के आसपास दिल्ली में प्रदूषण का स्तर वाहनों के धुएं से बढ़ा था। सीएसई के विश्लेषण के मुताबिक 21 से 26 अक्टूबर के दौरान स्थानीय प्रदूषक तत्त्वों के कारण उत्पन्न हुए दिल्ली के कुल प्रदूषण (पीएम 2.5) में वाहनों के धुएं की मात्रा लगभग आधी (49.3 से 53 प्रतिशत) रही। इसके अनुसार दिल्ली के स्थानीय प्रदूषक तत्वों में वाहनों से होने वाले प्रदूषण की मात्रा सबसे ज्यादा है। आपको यह भी बता दें कि दिल्ली में मौजूदा समय में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 1.4 करोड़ है।
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