मोरबी पुल हादसा: गांधीनगर। गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को हुए दर्दनाक पुल हादसे में अब तक 141 लोगों के मौत की खबर सामने आई है। सेना के जवान और एनडीआरफ अभी रेस्क्यू में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि अभी कई लोग लापता हैं। वहीं, 177 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया […]
गांधीनगर। गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को हुए दर्दनाक पुल हादसे में अब तक 141 लोगों के मौत की खबर सामने आई है। सेना के जवान और एनडीआरफ अभी रेस्क्यू में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि अभी कई लोग लापता हैं। वहीं, 177 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है।
बता दें को मोरबी हादसे की पल-पल की जानकारी केंद्रीय मंत्री गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री दफ्तर को दी जा रही है। हादसे वाली पूरी रात शाह पीएमओ के संपर्क में रहे। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया है।
बता दें कि मोरबी पुल हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रूपये की मदद देने का ऐलान किया है। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के आश्रितों को 4 लाख और घायलों को 50 हजार रूपये देने की घोषणा की है।
मोरबी में हुआ पुल हादसा कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन में गुजरात पुलिस, गोताखोर, एनडीआरएफ और भारतीय नौसेना का जवान लगे हैं। फायर बिर्गेड की टीमें भी घटनास्थल पर मोर्चा संभाले हुए है।
गौरतलब है कि मोरबी का यह ऐतिहासिक केबल पुल 143 साल पुराना है। इसकी लंबाई 765 फीट है। इस पुल का उद्धाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई (पहले बंबई) के गर्वनर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। उस समय इसकी लागत 3.5 लाख रूपये आई थी। बताया जाता है कि पुल बनाने का सारा सामान इंग्लैंड से मंगाया गया था। दिवाली से पहले इस पुल की 2 करोड़ रूपये में मरम्मत की गई थी।
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