रामपुर. आजम खान की मुश्किलें इस समय कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. बीते दिन रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने के मामले में आजम खान को तीन साल की सज़ा सुनाई. ऐसे में, अब उनकी विधानसभा सदस्यता पर भी तलवार लटक रही है. इसी कड़ी में अब याचिकाकर्ता […]
रामपुर. आजम खान की मुश्किलें इस समय कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. बीते दिन रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने के मामले में आजम खान को तीन साल की सज़ा सुनाई. ऐसे में, अब उनकी विधानसभा सदस्यता पर भी तलवार लटक रही है. इसी कड़ी में अब याचिकाकर्ता आकाश सक्सेना ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आज़म खान की सदस्य्ता रद्द करने की मांग की है.
जिस मामले में आजम खान को कोर्ट ने दोषी करार दिया है और उन्हें सज़ा हुई है, वह साल 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ मामला है. दरअसल, लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान रामपुर की मिलक विधानसभा में खान ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं, इसी मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, और इसी मामले में आज रामपुर कोर्ट में सुनवाई हुई और आजम खान को तीन साल की सज़ा सुनाई गई. अदालत ने रामपुर विधायक को आईपीसी की धारा 153-ए, 505-ए और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सज़ा सुनाई है.
अब आज़म खान की विधानसभा सदस्य्ता भी जाने को है, हाल ही में रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं ऐसे में अब उन्हें जेल हो गई है. वहीं, इससे पहले भी वह रामपुर लोकसभा सीट से सांसद थे लेकिन 2022 का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सांसदी छोड़ दी थी, और जब उनकी खाली की गई सीट पर अगर उपचुनाव हुए तो सपा को बड़ा झटका लगा और भाजपा ने ये सीट अपने कब्ज़े में ले ली. ऐसे में, अब इनकी सदस्य्ता जाने के बाद फिर से उपचुनाव होंगे.
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