नई दिल्ली. दिल्ली से मुजफ्फरपुर जा रही सप्तक्रांति एक्सप्रेस हादसे से बाल-बाल बची है. दरअसल, यहाँ रेलवे ट्रैक पर काम चल रहा था, लेकिन ट्रेन आती देख रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे मजदूरों ने पोल को ट्रैक पर छोड़ दिया और वहां से भाग गए. पटरी पर पोल को देख ट्रेन ड्राइवर के होश […]
नई दिल्ली. दिल्ली से मुजफ्फरपुर जा रही सप्तक्रांति एक्सप्रेस हादसे से बाल-बाल बची है. दरअसल, यहाँ रेलवे ट्रैक पर काम चल रहा था, लेकिन ट्रेन आती देख रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे मजदूरों ने पोल को ट्रैक पर छोड़ दिया और वहां से भाग गए. पटरी पर पोल को देख ट्रेन ड्राइवर के होश उड़ गए, लेकिन लोको पायलट ने सूझ-बूझ से काम लिया और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी.
ये घटना कुंवरपुर चिंतामनपुर रेलवे हॉल्ट पर हुई है, कुंवरपुर चिंतामनपुर रेलवे हाल्ट पूर्व मध्य रेलवे क्षेत्र के समस्तीपुर रेलवे डिवीजन के तहत मुजफ्फरपुर-गोरखपुर मुख्य लाइन पर ही एक स्टेशन है, यह हॉल्ट पूर्वी चंपारण जिले के कुंदिया, कुंवरपुर में स्थित है, यहीं पर ये घटना हुई है.
यहां रेलवे की पटरियों की मरम्मत का काम चल रहा था, इस दौरान पटरी पर कम से कम 12 से 15 मजदूर काम कर रहे थे. तभी दिल्ली से मुजफ्फरपुर जा रही सप्तक्रांति एक्सप्रेस के आने की आवाज़ मजदूरों और ट्रैकमैन ने सुनी और हक्के-भक्के हो गए, जिसके चलते वो पटरी पर मौजदू पोल को लेकर भाग नहीं पाए और उसे वहीं छोड़ दिया.
कुछ ही सेकेंड बाद जब ट्रेन ड्राइवर को पटरी पर पोल दिखा तो उसके होश उड़ गए, लेकिन उसने ऐसे समय में भी समझदारी से काम लिया और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी. ट्रेन के इस तरह अचानक रुकने से यात्री घबरा गए, डर के मारे कुछ यात्री तो ट्रेन से ही कूद गए. फिलहाल घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि पटरी पर मजदूरों के काम करने के दौरान ट्रेन को आगे जाने की हरी झंडी कैसे दी गई?
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