नई दिल्ली: सरकार या समाज से जुड़े मुद्दों पर अक्सर लोग अपनी राय रखने के लिए सोशल मीडिया का मदद लेते हैं. इसी को लेकर सीएसडीएस ने एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया। सेंटर फॉर डेवलपिंग सोसाइटीज ने एक सर्वे किया. यह सर्वे मीडिया कंजप्शन व्यवहार को लेकर किया गया. इसमें भले ही टेलीविजन अधिकतर लोगों के […]
नई दिल्ली: सरकार या समाज से जुड़े मुद्दों पर अक्सर लोग अपनी राय रखने के लिए सोशल मीडिया का मदद लेते हैं. इसी को लेकर सीएसडीएस ने एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया।
सेंटर फॉर डेवलपिंग सोसाइटीज ने एक सर्वे किया. यह सर्वे मीडिया कंजप्शन व्यवहार को लेकर किया गया. इसमें भले ही टेलीविजन अधिकतर लोगों के लिए कोई खबर के बारे में जानने का सबसे बड़ा जरिया हो, लेकिन न्यूज पेपर और सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन इन न्यूज चैनलों की तुलना में लोगों के बीच अधिक विश्वसनीय हैं. इस सर्वे में सोशल मीडिया पर डाले जाने वाले विचारों को लेकर भी सवाल उठाए गए।
सर्वे में यह भी कहा कि क्या किसी व्यक्ति को विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, भले ही वह आपत्तिजनक क्यों न हो. इसपर 26% ने कहा कि वे पूरी तरह असहमत हैं, जबकि 14 % ने कहा कि वे कुछ हद तक असहमत हैं और 9% ने पूर्ण पक्ष में बात की, जबकि 15 % ने कहा कि वे कुछ हद तक सहमत हैं।
इसके अलावा यह कहा गया कि क्या किसी व्यक्ति को सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ राय व्यक्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, चाहे वह कितना भी आपत्तिजनक सवाल क्यों न हो. सभी उत्तरदाताओं में से 20% ने कहा कि वे इस विचार से पूरी तरह असहमत हैं, 16% ने कहा कि वे कुछ हद तक असहमत हैं और इतनी ही संख्या ने कहा कि वे इस राय से कुछ हद तक सहमत हैं. वहीं 11% पूरी तरह सहमत थे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट होगा या क्या नहीं, यह निर्धारित करने के सरकार के विचार के पक्ष में सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ होने की अधिक संभावना थी. सर्वेक्षण में यह सामने आया कि न्यूज वेबसाइटों की तुलना में समाचार पत्र बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
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