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केदारनाथ रोपवे बनने पर सीमित हो जाएंगी हेली सेवाएं, हादसों की संख्या होगी कम

देहरादून. प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तराखंड स्थित केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दो महत्वाकांक्षी रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने वाले हैं. आज यहाँ पीएम मोदी तीर्थयात्रियों को केदारनाथ रोपवे की सौगात देने वाले हैं. रोपवे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण से श्रद्धालुओं के बाबा केदारनाथ के दरबार तक पहुंचने का सफर सरल हो जाएगा. बता दें, ये दुनिया […]

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केदारनाथ रोपवे बनने पर सीमित हो जाएंगी हेली सेवाएं, हादसों की संख्या होगी कम
  • October 21, 2022 11:23 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

देहरादून. प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तराखंड स्थित केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दो महत्वाकांक्षी रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने वाले हैं. आज यहाँ पीएम मोदी तीर्थयात्रियों को केदारनाथ रोपवे की सौगात देने वाले हैं. रोपवे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण से श्रद्धालुओं के बाबा केदारनाथ के दरबार तक पहुंचने का सफर सरल हो जाएगा. बता दें, ये दुनिया का सबसे लंबा रोपवे होने वाला है, इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 11,500 फीट तक होने वाली है. 11.5 किलोमीटर लंबे इस रोपवे से तीर्थयात्रियों को रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी.

केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद राज्य की हेली सेवा सुरक्षा के लिहाज से इस समय सवालीय कटघरें में है, यह चर्चा का विषय है कि केदारनाथ के लिए अंधाधुंध हेली टैक्सियों का संचालन यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से कितना उचित है? अब अगर इस दृष्टि से देखा जाए तो पहली नजर में सरकार के नीति नियंताओं के हिसाब से रोपवे या केबिल कार हेली सेवा की तुलना में ज्यादा सुरक्षित लग रही है.

सुरक्षित यात्रा का विकल्प

गौरतलब है, बीते 18 अक्टूबर को केदारनाथ के पास गरुड़चट्टी में हेलीकॉप्टर हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई थी. घने कोहरे और खराब मौसम की वजह से ये हादसा हुआ, हालांकि, हादसे के एक दिन बाद यानी 19 अक्टूबर को हेलीकॉप्टर का संचालन एक बार फिर शुरू कर दिया. वहीं, अब इस रोपवे के बनने के बाद श्रद्धालुओं का सफर और आसान हो जाएगा. जानकारों का मानना है कि रोप-वे श्रद्धालुओं के लिए लंबी दूरी करने के लिए रोपवे सबसे सटीक वाहन है, इससे घने कोहरे में होने वाले हेलीकॉप्टर हादसों से भी छुटकारा मिलेगा.

जानकारों का मानना है कि केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए दो ही विकल्प है पहला तो पैदल यात्रा का है, लेकिन यह बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों के लिए अच्छा नहीं है, और दूसरा विकल्प रोपवे या केबिल कार का है क्योंकि इससे बच्चे, वृद्ध, जवान और दिव्यांग सभी यात्रा कर सकते हैं.

 

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