पाक में दादा गिन रहे अंतिम सांसें, रमजान ने भारत से लगाई मदद की गुहार

सरहद भटककर पाकिस्तान पहुंची हिंदुस्तान की गीता की वापसी तो तकरीबन तय है, पर सरहद भटककर हिंदुस्तान आया रमजान अब तक परेशान है. कराची में रहने वाली रमजान की बड़ी बहन जौहरा बताती हैं कि रमजान के दादा की तबियत बहुत खराब है. पोते के इंतजार में अंतिम सांसें गिन रहे हैं. डॉक्टर ने जवाब दे दिया है, उन्हें पोते से मिलने की आस ने जिंदा रखा है.

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पाक में दादा गिन रहे अंतिम सांसें, रमजान ने भारत से लगाई मदद की गुहार

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  • October 25, 2015 5:35 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
भोपाल. सरहद भटककर पाकिस्तान पहुंची हिंदुस्तान की गीता की वापसी तो तकरीबन तय है, सरहद भटककर हिंदुस्तान आए रमजान अब तक परेशान हैं. कराची में रहने वाले रमजान की बड़ी बहन जौहरा बताती हैं कि रमजान के दादा की तबियत बहुत खराब है. पोते के इंतजार में अंतिम सांसें गिन रहे हैं. डॉक्टर ने जवाब दे दिया है, उन्हें पोते से मिलने की आस ने जिंदा रखा है.  पोता रमजान अपने दादा जी से मिलने के लिए भारत से मदद के इंतजार में है. 
 
भोपाल की एक संस्था के मुताबिक, रमजान करांची का रहने वाला है. वो अपनी सौतेली मां की प्रताड़ना से तंग आकर गलती से सरहद पार कर भारत आ गया था. अब रमजान चाहता है कि जिस प्लेन से गीता हिंदुस्तान आ रही है, उसी प्लेन से उसे पाकिस्तान भेज दिया जाए.  
 
रमजान कराची का है रहने वाला
14 साल का रमजान कराची की मूसा कॉलोनी में मां रजिया बेगम और पिता मोहम्मद ताजउल मुल्क के साथ रहता है. रमजान के पिता के तलाक के बाद उन्होंने दूसरी शादी कर ली. जब सौतेली मां को बेटी हुई तो उसने रमजान को परेशान करना शुरू कर दिया. उसकी सौतेली मां ने उस पर चोरी का इल्जाम लगा दिया. तब वो अपनी असली मां को खोजने कराची जाने के लिए निकला और भटककर इंडिया आ गया. वो बांग्लादेश से अगरतला, कोलकाता, रांची और दिल्ली होते हुए जब भोपाल आया, तो जीआरपी ने उसे अक्टूबर 2013 में भोपाल स्टेशन पर पकड़ा. तब उसने अपना पता रांची का बताया था.
 
रमजान ने चौथी तक पढ़ाई की है. फरवरी 2015 में जब उसका आधार कार्ड बन रहा था, तब पता चला कि वह पाकिस्तानी है. इसके बाद इंटेलिजेंस, सीआईडी और आईबी को सूचना दी गई. शुरू में लगा कि कहीं यह पाकिस्तान का जासूस तो नहीं, लेकिन बाद में यह संभावना खारिज हो गई. उसके बाद माता-पिता को खोजने की कोशिश शुरू हुई.
 
सोशल मीडिया के जरिए खोजने की शुरू हुई मुहिम 
रमजान ने भोपाल में चाइल्ड लाइन को बताया कि वह कराची के मूसा कॉलोनी का रहने वाला है तो सोशल मीडिया के जरिए उसके घर को तलाशने की मुहिम शुरू हुई. जब उसे वापस पाकिस्तान भेजने की पहल शुरू हुई तो पता चला कि इसमें भारी दिक्कत है. भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में उसके जन्म से संबंधित कागजात न होने की वजह से वीजा की अर्जी भारत के विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दी. अब पाकिस्तान में उसकी मां बहुत परेशान है. पाकिस्तान में मौजूद मां रजिया और बहन जोहरा से बात करके वो घंटों रोता है. उसके चेहरे पर हर समय उदासी छाई रहती है और उसके दादा उसको देखने के लिए अंतिम सांसें गिन रहे हैं.

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