भोपाल. मध्य प्रदेश एक बार फिर सुर्ख़ियों में बना हुआ है, दरअसल बीते दिनों मध्य प्रदेश में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया, अब तक हर जगह मध्य प्रदेश की तारीफ हो रही थी लेकिन अब मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मंत्री के बोल बिगड़ गए […]
भोपाल. मध्य प्रदेश एक बार फिर सुर्ख़ियों में बना हुआ है, दरअसल बीते दिनों मध्य प्रदेश में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया, अब तक हर जगह मध्य प्रदेश की तारीफ हो रही थी लेकिन अब मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मंत्री के बोल बिगड़ गए हैं. विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले मध्य प्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने रतलाम जिले में एक बार फिर राजपूत समाज पर निशाना साधा है. मंत्री ने खुलासा किया कि समाज के लोग शेर मारते थे जबकि नाम चारों ओर सिर्फ राजाओं का होता था.
उन्होंने कहा – जन समाज के लोग शेर मारते थे, तब राजा-माहराज तो दारु पीकर पड़े रहते थे. वहीं, शेर मारने के कारण ही हमें सिंह की उपाधि मिली, इतना ही नहीं खाद्य मंत्री बिसाहू ने अपने नाम के आगे सिंह लगे होने का खुलासा करते हुए कहा कि काम हम करते थे, लेकिन नाम सिर्फ राजाओं का होता था.
दरअसल, बीते दिनों मंत्री बिसाहूलाल सिंह रतलाम जिले के पिपलोदा में आयोजित ‘मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान’ के शिविर को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान मंत्री ने मंद-मंद मुस्कान के पीछे सभा में खुलासा किया कि हमारे समाज के लोगों को सिंह की उपाधि तो राजा ने दी है, क्योंकि रीवा संभाग में राजा के समय बहुत शेर हुआ करते थे. उस समय राजा लोग शिकार पर जाते थे, तो हमारे समाज के लोगों को हाका करने के लिए ले जाते थे, तब हमारे लोगों को राजा बंदूक थमा देते थे. हमारे लोग शेर मारते थे तो राजा दारु पीकर पड़े रहते थे. यही कारण है कि राजा ने हमें सिंह की उपाधि दी है. बता दें, इसके पहले बिसाहू राजपूत समाज की महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी कर विवादों में घिर चुके हैं.
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