नई दिल्ली. इंफोसिस ने बड़ा कदम उठाया है, दरअसल, इनफ़ोसिस ने मूनलाइटिंग करने वाले कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इंफोसिस की तरफ से ये कार्रवाई तब हुई, जब पिछले महीने ही टेक कंपनी Wipro ने 300 कर्मचारियों को मूनलाइटिंग के चलते नौकरी से निकाल दिया था. मिली जानकारी के मुताबिक, विप्रो के […]
नई दिल्ली. इंफोसिस ने बड़ा कदम उठाया है, दरअसल, इनफ़ोसिस ने मूनलाइटिंग करने वाले कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इंफोसिस की तरफ से ये कार्रवाई तब हुई, जब पिछले महीने ही टेक कंपनी Wipro ने 300 कर्मचारियों को मूनलाइटिंग के चलते नौकरी से निकाल दिया था. मिली जानकारी के मुताबिक, विप्रो के ही नक्शेकदम पर चलते हुए अब Infosys ने हाल के महीनों में मूनलाइटिंग करने वाले कई कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है.
इस संबंध में इनफ़ोसिस के सीईओ सलील पारेख ने गुरुवार को कहा, ‘अगर हम कर्मचारियों को एक साथ दो कंपनियों में काम करते हुए पाएंगे तो ऐसा ही किया जाएगा, क्योंकि इस्मैं गोपनीयता का भी मुद्दा है. ऐसी स्थिति में पिछले 12 महीनों में हमने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, और इसी के तहत अभी भी कर्मचारियों को निकाला गया है.’
जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा पैसे कमाने के लिए एक काम के साथ दूसरा काम भी करने लगता है तो उसे तकनीकी भाषा में मूनलाइटिंग कहते हैं. कोरोना काल के दौरान इसका चलना बढ़ा था, क्योंकि तब सभी को घर बैठकर काम करना होता था और तब ज्यादातर लोगों को तनख्वाह भी आधी ही मिलती थी, ऐसे में अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोगों ने मूनलाइटिंग करना शुरू कर दिया था.
जानकारों के मुताबिक आईटी कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम की वजह से कर्मचारियों को मूनलाइटिंग का मौका मिल जाता है, लेकिन इससे पहले मूनलाइटिंग की वजह से कभी कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला गया है. विप्रो ऐसा करने वाली पहली आईटी कंपनी बनी है, ऐसा कर के विप्रो ने मूनलाइटिंग के खिलाफ आईटी कंपनियों के लिए एक उदाहरण पेश किया था, जिसके बाद अब आईटी कंपनी इनफ़ोसिस ने भी मूनलाइटिंग करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.
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