मुंबई: Deepika Padukone Saw Chhello Show: पिछले कुछ समय से ऑस्कर 2023 को लेकर फिल्म छेल्लो शो लगातार सुर्खियों में है। हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक था कि आखिर वह कौन सी फिल्म होगी, जो ऑस्कर में भारत की तरफ से एंट्री करने वाली है। आपको बता दें कि छेल्लो शो (Chhello Show) […]
मुंबई: Deepika Padukone Saw Chhello Show: पिछले कुछ समय से ऑस्कर 2023 को लेकर फिल्म छेल्लो शो लगातार सुर्खियों में है। हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक था कि आखिर वह कौन सी फिल्म होगी, जो ऑस्कर में भारत की तरफ से एंट्री करने वाली है। आपको बता दें कि छेल्लो शो (Chhello Show) बेस्ट मूवी के लिए ऑफिशियली जाने वाली फिल्म बन गई है। अब 14 अक्टूबर को फिल्म रिलीज होगी। वहीं आज इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी। इस फिल्म को देखने दीपिका पादुकोण भी पहुंची। फिल्म देखकर उन्हें काफी अच्छा भी लगा और उन्होंने फिल्म के चाइल्ड एक्टर भाविन रबारी के गाल पर किस भी किया।
आज फिल्म छेल्लो शो की स्क्रीनिंग रखी गई थी। फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग में दीपिका पादुकोण के अलावा, विद्या बालन, आदित्य रॉय कपूर और सनी कौशल आकांक्षा रंजन और कियारा आडवाणी शामिल हुए थे। इस दौरान दीपिका पादुकोण भाविन रबारी के साथ दिखीं। इस अवसर पर वह सफेद कलर की ड्रेस पहने नजर आई थीं। दीपिका को फिल्म भाविन की परफॉरमेंस काफी अच्छी लगी।
छेल्लो शो समय नाम के एक लड़के की कहानी है, जो रेलवे स्टेशन पर चाय बेचता है। उसके पिता की स्टेशन पर चाय की दुकान है। समय कास्टेशन के पीछे थोड़ी ही दूरी पर खेतों के बीच एक कच्चा मकान है, जिसमें उसका पूरा परिवार रहता है। समय को फ़िल्में देखने का बेहद शौक होता है वहीं उसके पिता को फिल्मों से नफरत होती है।
एक दिन उसे पता चलता है कि उसके पापा सबको फिल्म दिखाने शहर लेकर जा रहे हैं। तो उसे पता चलता है कि यह एक धार्मिक फिल्म है इसलिए वह लोग फिल्म देखने शहर जा रहे हैं। थिएटर में समय के पिता उसे बताते हैं कि फिल्में देखना सही नहीं है इसलिए यह उसके जीवन का पहला और आखिरी शो है, जिसे वो देखने आए हैं।
समय के लिए फिल्म देखने का यह पहला और आखिरी अनुभव उसकी पूरी जिंदगी बदल देता है। यहीं से शुरू होती है फिल्म की दिलचस्प कहानी। कहनी कई लेयर्स खोलती है और हर एक लेयर एक नई तरह की कहानी लेकर आती है। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है वैसे-वैसे आपको समझ में आएगा कि समय की कहानी सिनेमाघरों से जुड़ी है।
समय को कहानियां सुनना और सुनाना बहुत पसंद होता है। वह स्टेशन पर चाय बेचने के बाद पटरियों पर घूम-घूमकर माचिस की डिब्बियां बीन कर डिब्बियों पर बने चित्रों के जरिए एक कहानी तैयार करता है जिसे वो अपने साथियों को सुनाता है।
लेकिन जब समय थिएटर में फिल्म देखने जाता है तो उसे सिनेमाघर की उस तकनीक से अलग तरह का जुड़ाव हो जाता है। वहीं कहानी पूरी जानने के लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी।
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