जम्मू. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस समय जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं, यहीं वो दशहरा मनांएगे. वहीं, जम्मू पहुंचकर गृहमंत्री अमित शाह ने पहाड़ी समुदाय के लोगों को आरक्षण देने का ऐलान कर दिया है. इसका मतलब है कि अब आधिकारिक तौर पर पहाड़ी समाज को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने पर […]
जम्मू. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस समय जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं, यहीं वो दशहरा मनांएगे. वहीं, जम्मू पहुंचकर गृहमंत्री अमित शाह ने पहाड़ी समुदाय के लोगों को आरक्षण देने का ऐलान कर दिया है. इसका मतलब है कि अब आधिकारिक तौर पर पहाड़ी समाज को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने पर मुहर लग गई है. मंगलवार को इसका ऐलान करते हुए गृह मंत्री ने कहा, पीएम मोदी ने जस्टिस शर्मा कमीशन की सिफारिशाें को लागू करने का आदेश दिया है.
बता दें, इसी साल जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने वाले हैं, वहीं, चुनाव से पहले गृहमंत्री द्वारा की गई इस घोषणा के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस घोषणा का असर सीधेतौर पर राज्य के चुनाव में देखने को मिलेगा.
भाजपा के इस ऐलान को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, दरअसल, राज्य की आबादी में 40 फीसदी हिस्सेदारी पहाड़ी समुदाय है. वहीं, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अमित शाह की नजर राजौरी, पुंछ, उत्तरी कश्मीर के सीमावर्ती जिले बारामुला और कुपवाड़ा के मतदाताओं पर है ऐसे में राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यहां के पहाड़ी समुदाय के लोगों को ST का दर्जा देकर भाजपा उन्हें साधने की कोशिश कर रही है.
वहीं, गृहमंत्री अमिता शाह का यह तीन दिवसीय दौरा आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से बहुत ख़ास है. दरअसल, राज्य में परिसीमन के बाद नौ सीटें अनुसूचित जन जाति के लिए पहले ही आरक्षित की जा चुकी हैं और राजौरी-पुंछ की 5 सीटें, घाटी में बांदीपोरा की गुरेज, गांदरबल की कंगल और अनंतनाग की कोकरनाग सीट पहले से ही आरक्षित हैं. बता दें, ये वो सीटें हैं जिन पर पहाड़ी समुदाय का प्रभाव है. इसके अलावा कुपवाड़ा सीट भी है जिस पर भी इस समुदाय का असर दिखता है, ऐसे में कुल मिलाकर यहाँ ऐसी 12 सीटें जिसपर पहाड़ी समुदाय पर प्रभाव है.
अमित शाह अपने इस दौरे से राज्य के 4 जिलों के 18 लाख से अधिक मतदाताओं को साधने की कोशिश में हैं.